सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई और पूछताछ को लेकर शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव का साथ छोड़ने वाले विधायक का ED केस खत्म हो गया। सत्ता पक्ष में जाने पर सभी आरोप माफ हो जाते हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “ईडी जिस तरह से विपक्षी नेताओं पर सक्रिय है और उनको नोटिस पर नोटिस भेजकर बुला रही है उससे यह साफ हो गया है कि यह इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट से एक्सटेंडेड डिपार्टमेंट ऑफ भाजपा हो गई है।” बोलीं, “विपक्ष के सारे नेताओं पर ईडी हावी है, लेकिन सत्ता पक्ष के इतने सारे लोग विपक्ष से सत्ता पक्ष में गए और हाल ही में महाराष्ट्र एक उदाहरण है, जो एमएलए के ऊपर ईडी की नोटिस थी, जैसे ही उन्होंने पाला बदला, उनका गंगा स्नान हो गया और ईडी केसेस खत्म हो गए। इस तरह के पोलिटिकल बेसिस पर निर्णय लेना, ईडी की नोटिस भेजना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लगातार तीसरे दिन पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी इसी मामले पर ईडी पूछताछ कर चुकी है। इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार धरना-प्रदर्शन भी किया।
फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जम्मू एंड कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (Jammu and Kashmir Cricket Association) घोटाले में चार्जशीट दाखिल की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने प्रमुख फारूक अब्दुल्ला की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। 84 साल के अब्दुल्ला पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
उधर, कथित शिक्षा घोटाले में पश्चिम बंगाल के मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी ने हिरासत में लिया है। इसी मामले में टीएमसी विधायक मानिक भट्टाचार्य को सम्मन भेजा है। विपक्ष के नेताओं के खिलाफ एक के बाद एक ईडी की लगातार कार्रवाई से तमाम दलों के नेताओं में सत्ता पक्ष के खिलाफ भारी आक्रोश है। नेताओं ने मोदी सरकार को तानाशाह होने जैसी बातें कह रहे हैं।