कोरोना संकट के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की गिरावट ने कई लोगों को हैरान किया है। उन्हीं लोगों में मशहूर अर्थशास्त्री कौशिक बसु का नाम भी शामिल है। कौशिक बसु ने एक ट्वीट कर भारत की अर्थव्यवस्था में आयी भारी गिरावट पर चिंता जाहिर की है और कहा है कि भारत में प्रतिभावान लोगों की कमी नहीं है और सरकार को हालात बेहतर करने के लिए नीति बनाने की जरुरत है। कौशिक बसु ने अपने ट्वीट में कुछ आंकड़े भी पेश किए, जिनके मुताबिक भारत में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा चीन के मुकाबले बेहद भयावह है।

अपने ट्वीट में कौशिक बसु ने लिखा कि ‘भारत की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट चिंताजनक है। इसके लिए कोरोना के चलते लागू हुए लॉकडाउन को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। वित्त मंत्रालय के लिए ये बेहद अहम है कि वह प्रोत्साहन दे। भारत में विश्वविद्यालय, सरकार और निजी सेक्टर में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, उसकी मदद ली जानी चाहिए और पॉलिसी बनानी चाहिए।’

बसु ने अपने ट्वीट के साथ एक लिस्ट की तस्वीर भी पोस्ट की है, जिसमें कोरोना से एशियाई देशों और ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था में आयी गिरावट और उस देश की प्रति 10 लाख की आबादी में कितने मरीजों की मौत कोरोना से हुई, इसकी भी जानकारी दी गई है। लिस्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि 3.2 फीसदी रही और चीन में प्रति 10 लाख आबादी पर सिर्फ 3 मरीजों की मौत हुई।

अब भारत की बात करें तो कोरोना संकट के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि घटकर माइनस 23.9 फीसदी हो गई है और भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर 68 मरीजों की मौत हुई है। इस तरह कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भारत में चीन के मुकाबले 23 गुना ज्यादा है।

कौशिक बसु ने जो लिस्ट शेयर की है उसके मुताबिक कोरोना काल में वियतनाम की आर्थिक वृद्धि दर 0.36 फीसदी रही और वहां प्रति दस लाख आबादी पर मरने वालों का आंकड़ा 0.4 है। श्रीलंका में आर्थिक वृद्धि दर -1.6 फीसदी रही और मरने वालों का आंकड़ा प्रति दस लाख पर 0.6 रहा।

इसी तरह दक्षिण कोरिया की आर्थिक वृद्धि दर -2.7 फीसदी रही और मृतकों का आंकड़ा 8 रहा। इंडोनेशिया में आर्थिक वृद्धि दर -5.3 फीसदी और मृतकों का आंकड़ा 37 रहा।