हरियाणा के सोनीपत जिले में शनिवार को 2.9 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस हुआ। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप दोपहर एक बज कर नौ मिनट पर सात किलोमीटर की गहराई में आया। तीव्रता कम थी, इस वजह से लोगों में हड़कंप नहीं मचा, लेकिन थोड़े-थोड़े अंतराल में लगातार धरती का हिलना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खतरनाक माना जा रहा है।

खास बात है कि 5 नवंबर को ही हरियाणा के कई जिलों में झटके महसूस किए गए थे। वैज्ञानिकों की पेशानी पर इससे चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं। इतने कम अंतराल में भूकंप के झटके लगना वाकई चिंता का विषय है। 5 नवंबर को आए भूकंप का केंद्र हरियाणा का ही झज्जर जिला रहा था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि 5 नवंबर को पृथ्वी की सतह के पांच किलोमीटर अंदर हलचल महसूस की गई है। यह क्षेत्र भूकंपीय जोनिंग मैप के अनुसार जोन चार में आता है। मतलब यहां पर भूकंप आने की अधिक आशंका रहती है।

प्रशासन का कहना है कि फिलहाल भूकंप से कहीं भी नुकसान का समाचार नहीं है। भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से कोई भी जान माल की हानि नहीं हुई है। कई लोगों ने भूकंप के झटकों को महसूस किया व सोशल मीडिया पर भूकंप आने का अपडेट डालना शुरू कर दिया। लेकिन तीव्रता सामान्य से कम थी, इस वजह से बहुत से लोगों को धरती के कंपन का पता भी नहीं चला।

राष्ट्रीय स्तर की बात की जाए तो 1 माह के भीतर भूकंप का यह तीसरा मामला है। 31 अक्टूबर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फार सिस्मोलाजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। इतने कम समय में बार-बार भूकंप का आना अच्छा संकेत नहीं माना जाता। हरियाणा को देखा जाए तो 1 माह के भीतर जिन दो जिलों में झटके महसूस हुए, वो बेहद नजदीक हैं। सोनीपत से झज्जर की दूरी 100 किमी से भी कम है।