केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के कटरा क्षेत्र में रविवार की तड़के 3.50 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई। इससे पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ इलाकों में शनिवार को भी कुछ घंटों के अंदर दो बार भूकंप आने से लोगों में खलबली मच गयी। हालांकि ये झटके हलके थे और किसी तरह के जानमाल का नुकसान होने की खबर नहीं है, लेकिन भूकंप से लोग दहशत में जरूर आ गये।

जम्मू-कश्मीर के रामबन और डोडा जिलों में शनिवार को भूकंप के हल्की तीव्रता के दो झटके महसूस किए गए। जबकि लद्दाख में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर चिनाब घाटी क्षेत्र में आठ घंटे के भीतर 3.0 तीव्रता और 4.4 तीव्रता के भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि दोपहर दो बजकर तीन मिनट पर आए भूकंप का केंद्र जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे रामबन जिले में था।

भूकंप का केंद्र 33.04 डिग्री उत्तरी अक्षांश, 75.70 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 18 किमीनीचे था

उन्होंने कहा कि भूकंप का केंद्र 33.31 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 75.19 डिग्री पूर्वी देशांतर पर सतह से पांच किलोमीटर नीचे स्थित था। अधिकारी ने कहा कि डोडा जिले में रात करीब 9 बजकर 55 मिनट पर 4.4 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया। इस भूकंप का केंद्र 33.04 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 75.70 डिग्री पूर्वी देशांतर पर सतह से 18 किलोमीटर नीचे था।

पिछले पांच दिन में डोडा जिले में यह सातवां भूकंप था। वहीं राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक लेह में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.5 थी। भूकंप के झटके रात नौ बजकर 44 मिनट पर महसूस किए गए और इसका केंद्र लेह से 271 किमी उत्तर-पूर्व में था। भूकंप में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

भूकंप तभी आता है जब उस जगह के ठीक नीचे प्लेटों में हलचल होती है। इस हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है। जमीन के नीचे रहने वाली सातों प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जिस जगह ये ज्यादा टकराती हैं, उस जगह को फॉल्ट लाइन कहते हैं। इन प्लेटों के बार-बार टकराने से इनके कोने मुड़ जाते हैं। दबाव बढ़ने पर प्लेट्स टूट जाती हैं। इसके नीचे जो ऊर्जा होती है, वह बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और इस उथल-पुथल से भूकंप आता है।