India US Relation: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के नवनियुक्त विदेश मंत्री मार्को रुबियों के साथ बुधवार को वॉशिंगटन डीसी में पहली बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर बात की। मार्को रुबियो द्वारा उठाए गए अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है और कहा कि अमेरिका अगर गैर कानूनी रूप से अमेरिका गए लोगों को चिन्हित करेगा तो उन्हें भारत वापस लेने को हमेशा तैयार है।

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास का स्तर बहुत ऊंचा है यह विश्वास एक अधिक व्यवस्थित भावना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बहुत ही स्पष्ट केमिस्ट्री है, और यह सिस्टम में भी है। इसलिए, इस रिश्ते को और आगे बढ़ाने के लिए बैठक में स्पष्ट इच्छाएं थी।

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अवैध वापसी की उठाया है मुद्दा

एस जयशंकर ने कहा कि में कहा कि रुबियो ने भारत के साथ आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने और अनियमित प्रवास से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए ट्रंप प्रशासन की इच्छा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभा और भारतीय कौशल को वैश्विक स्तर पर अधिकतम अवसर मिले, तो साथ ही, हम अवैध गतिशीलता और अवैध प्रवासन का भी बहुत दृढ़ता से विरोध करते हैं, क्योंकि आप यह भी जानते हैं कि जब कुछ अवैध होता है, तो कई अन्य अवैध गतिविधियाँ भी उसके साथ जुड़ जाती हैं। और यह वांछनीय नहीं है।

एस जयशंकर ने वैध वापसी के लिए जताई सहमति

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि कि यह निश्चित रूप से प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए हमने हर देश के साथ ऐसा किया है और अमेरिका कोई अपवाद नहीं है। हमने हमेशा यह दृष्टिकोण अपनाया है कि अगर हमारे कोई नागरिक हैं जो कानूनी रूप से यहाँ नहीं हैं, अगर हमें यकीन है कि वे हमारे नागरिक हैं, तो हम हमेशा, आप जानते हैं, भारत में वैध वापसी के लिए खुले हैं।

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आर्थिक सहयोग के बारे में एस जयशंकर ने कहा कि कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यहाँ बहुत सारे अवसर हैं, प्रौद्योगिकी-केंद्रित प्रगति के इस युग में, मुझे जो संदेश मिला वह यह था कि हम एक भागीदार के रूप में भारत के महत्व को समझते हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जिन पर हम काम करना चाहते हैं। सहयोग को अनुकूलतम बनाने के लिए हमें कुछ व्यवस्थित चीजें करने की आवश्यकता है।

हालांकि, दोनों नेताओं के बीच अभी टैरिफ पर चर्चा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई लेकिन रुबियो ने नए प्रशासन की आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने की इच्छा को रेखांकित किया। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष 11-12 फरवरी को पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बैठक की संभावना पर भी चर्चा कर रहे हैं। अमेरिका से जुड़ी अन्य सभी खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।