मंगल ग्रह पर इंसानों ने कचरे का ढेर लगा दिया है। ज्यादातर कचरा बेकार हार्डवेयर, निष्क्रिय उपग्रह और खराब हो चुके अंतरिक्ष यानों का है। कई यान मंगल की सतह पर दुर्घटना ग्रस्त हो चुके हैं। वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय में रोबोटिक्स में शोध कर्ता कैग्री किलिक ने मंगल पर भेजे गए सभी रोवर्स और आर्बिटर्स के द्रव्यमान का विश्लेषण किया और वर्तमान में संचालन में मौजूद वजन को घटाया, जिसके परिणामस्वरूप 15,694 पाउंड मलबा का आंकड़ा सामने आया।
इस कचरे में बेकार हार्डवेयर, निष्क्रिय उपग्रह और खराब हो चुके अंतरिक्ष यान हैं। कचरे में सतह पर दुर्घटनाग्रस्त होने वाले यान, विशेष रूप से सोवियत संघ के मार्स आर्बिटर 2 शामिल हैं, जिनका 1971 में क्रैश लैंडिंग हुआ था। अधिकांश कचरा अपरिहार्य है, क्योंकि अंतरिक्ष यान की रक्षा के लिए कई हिस्सों को त्यागना पड़ता है, क्योंकि यह लाल ग्रह के वातावरण में घुसने से पहले क्षतिग्रस्त हो जाता है.।
मंगल ग्रह पर नमूने एकत्र कर रहे रोवर ने अपने मिशन के दौरान कचरे की तस्वीरें उतारी हैं। रोवर के साथी, इनजेनिटी हेलिकाप्टर ने 2021 में आगमन के दौरान उपयोग किए गए लैंडिंग उपकरण की एक छवि पकड़ी- एक पैराशूट और शंकु के आकार का बैकशेल जो अंतरिक्ष में रोवर की रक्षा करता था। हाल ही में जून में रोवर को कटा हुआ डैक्रान जाल का एक टुकड़ा मिला जिसने इसे मंगल ग्रह पर सुरक्षित रूप से उतरने में मदद की। मंगल पर कई खराब रोबोट हैं, विशेष रूप से नासा के, जो 2004 से 2018 के मध्य तक सक्रिय थे।
मंगल ग्रह पर कुल नौ निष्क्रिय अंतरिक्ष यान हैं, जिनमें मार्स 3 लैंडर, मार्स 6 लैंडर, वाइकिंग 1 लैंडर, वाइकिंग 2 लैंडर, सोजार्नर रोवर, यूरोपियन स्पेस एजंसी का शिआपरेली लैंडर, फीनिक्स लैंडर, स्पिरिट रोवर और द आपर्चूनिटी रोवर शामिल हैं। वैज्ञानिकों को डर है कि मलबा नासा के पर्सवेरेंस रोवर द्वारा एकत्र किए जा रहे नमूनों को दूषित कर सकता है, जिसमें प्राचीन जीवन के संकेत हो सकते हैं।
शोधकर्ता कैग्री किलिक के अनुसार, जब आप मंगल पर भेजे गए सभी अंतरिक्ष यान के द्रव्यमान को जोड़ते हैं, तो आपको लगभग 22,000 पाउंड (9979 किलोग्राम) मिलते हैं। सतह पर वर्तमान में चल रहे शिल्प का वजन घटाएं – 6,306 पाउंड (2,860 किलोग्राम) – और आपके पास मंगल ग्रह पर 15,694 पाउंड (7,119 किलोग्राम) मानव मलबा बचा है।
रोवर ने जून महीने में एक तस्वीर भेजी थी जिसमें नजर आ रहा था कि दूर से एक प्रकाश आ रहा है। इसके बाद रोवर को उसकी जांच करने के लिए भेजा गया। कुछ सप्ताह के बाद नासा का रोवर होगवालो फ्लैट इलाके में पहुंचा तो उसने अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें खींची। इससे पता चला कि यह रहस्यमय प्रकाश एक थर्मल ब्लैंकेट से आ रहा था।
इस ब्लैंकेट का इस्तेमाल लैंडिंग के दौरान उच्च तापमान से स्पेसक्राफ्ट को बचाने के लिए किया गया था। इससे पहले नासा के इन्जेन्यूटी हेलिकाप्टर ने एक तस्वीर खींची थी, जिसमें एक पैराशूट और कोन के आकार बैकशेल भी नजर आया था। मंगल ग्रह पर कई खराब हो चुके रोबोट भी मौजूद हैं। इसमें खासकर नासा का आपरच्यूनिटी शामिल है, जो साल 2004 से लेकर 2018 तक सक्रिय था।
