प्रदूषण के चलते देश में लोगों की औसत उम्र कम हो रही है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर ‘सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट ’ (सीएसई) ने अपनी रपट ‘स्टेट आफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 इन फिगर्स’ में यह जानकारी दी है। रपट में बताया गया है कि वर्ष 2020 में वायु प्रदूषण के कारण एक भारतीय की औसत उम्र 4 साल और 11 महीने कम हो गई। ग्रामीण क्षेत्र इससे सबसे अधिक प्रभावित है, जहां जीवन प्रत्याशा में 5 साल और 2 महीने की कमी आई है। ग्रामीणों के मुकाबले शहरी लोगों की जीवन प्रत्याशा तीन महीने अधिक है।
रिपोर्ट में चार मापदंडों- पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना पर भारत के राज्यों की ‘रैंकिंग’ भी दी गई है। इस सूची में तेलंगाना, मध्य प्रदेश, दिल्ली और गुजरात सबसे ऊपर हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में प्रदर्शन के मामले में रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना सबसे आगे है। उसे यह स्थान मुख्य रूप से वन क्षेत्र में वृद्धि और नगरीय ठोस अपशिष्ट के उपचार के लिए मिला है हालांकि राज्य का प्रदर्शन जल निकायों के संरक्षण, भूजल दोहन और नदी प्रदूषण के मामले में औसत से कम है। इसके बाद गुजरात, गोवा और महाराष्ट्र का स्थान है और राजस्थान, नगालैंड और बिहार निचले पायदानों पर हैं। निचले पायदान पर रहने वाले 10 राज्यों में से छह उत्तर पूर्व के हैं। इनमें असम भी शामिल है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली सबसे आगे : स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली सबसे आगे है। इस राज्य ने स्वास्थ्य के क्षेत्र पर अपने बजट का सबसे बड़ा हिस्सा आबंटित किया है और यहां स्वास्थ्य देखभाल के लिए मजबूत ‘नेटवर्क’ है। हालांकि राज्य में टीकाकरण की दर निम्न है। दिल्ली के बाद सिक्किम, गोवा और मिजोरम का स्थान है। सबसे निचले पायदान पर रहे मध्य प्रदेश में मातृ मुत्यु अनुपात और शिशु मृत्यु दर अधिक है। छत्तीसगढ़, असम और उत्तर प्रदेश भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में निचले पायदानों पर हैं।
कृषि क्षेत्र में मध्य प्रदेश आगे : कृषि के क्षेत्र में मध्य प्रदेश अव्वल है। शुद्ध मूल्य वर्धन और खाद्यान्न उत्पादन में राज्य का प्रदर्शन सबसे अच्छा है हालांकि राज्य का करीब आधा फसल क्षेत्र बीमित नहीं है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश क्रमश: दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। निचले पायदानों पर दिल्ली, गोवा और मेघालय हैं।
गुजरात आधारभूत संरचना व मानव विकास में नंबर एक : आधारभूत संरचना और मानव विकास के मामले में गुजरात ने पहला स्थान हासिल किया है। गुजरात ने अपने प्रदर्शन में सुधार रोजगार प्रदान करके और नल जल कनेक्शन देकर किया है हालांकि राज्य का लिंगानुपात तुलनात्मक रूप से कम है और ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़ी आबादी ऐसी है जो स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल नहीं करती। इस मामले में झारखंड सबसे नीचे है। इसके बाद नगालैंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश का नंबर है।