दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के तीन कालेज 2023-24 से चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम को अपनाएंगे और सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के बजाय राष्ट्रीय परीक्षण एजसी (एनटीए) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश स्वीकार करेंगे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कालेज, माता सुंदरी महिला कालेज और जीसस एंड मैरी कालेज को आगामी शैक्षणिक वर्ष में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) की पेशकश के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर मंजूरी दे दी गई है।
अब तक, ये कालेज उन आठ कालेजों में शामिल थे, जो प्राथमिक शिक्षा में स्नातक (बीएलएड) कार्यक्रम की पढ़ाई कराते थे। इस बीच, अदिति महाविद्यालय, गार्गी कालेज, इंस्टीट्यूट आफ होम इकोनामिक्स, लेडी श्रीराम कालेज फार वीमेन और मिरांडा हाउस अगले साल आइटीईपी लागू करने की उम्मीद कर रहे हैं। आइटीईपी बीएलएड पाठ्यक्रम की जगह लेगा। यह कार्यक्रम 1994 में डीयू में शुरू किया गया था।
पांच साल के दो नए एकीकृत एलएलबी पाठ्यक्रम शुरू करने की डीयू की योजना
दिल्ली विश्वविद्यालय की अगले शैक्षणिक वर्ष में पांच साल के दो नए एकीकृत एलएलबी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है, ताकि अधिक किफायती और उच्चस्तरीय कानूनी शिक्षा प्रदान की जा सके। ये पाठ्यक्रम ‘बैचलर आफ आर्ट्स-एलएलबी’ और ‘बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन/बैचलर आफ कॉमर्स-एलएलबी’ हैं।
डीयू के अधिकारी के मुताबिक में दोनों सेक्शन में 102 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। विश्वविद्यालय वैधानिक निकायों – अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद से अनुमोदन मिलने के बाद पांच वर्षीय एकीकृत एलएलबी कार्यक्रम शुरू करने की अनुमति के लिए भारतीय विधिज्ञ परिषद के समक्ष आवेदन दायर करने की योजना बना रहा है। विश्वविद्यालय में अब तक, तीन साल का एलएलबी, एलएलएम (पूर्णकालिक और साथ ही अंशकालिक) तथा कानून में पीएचडी पाठ्यक्रम की व्यवस्था है।
बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय को भी आइटीईपी शुरू करने की अनुमति मिली
एनसीटीई ने बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय को 2023-24 से चार साल का एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दे दी है। विश्वविद्यालय राष्ट्रीय राजधानी में पहला संस्थान है जिसे चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) की पेशकश करने की अनुमति दी गई है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत एनसीटीई का एक प्रमुख कार्यक्रम है। विश्वविद्यालय इस शैक्षणिक वर्ष में एकीकृत कार्यक्रमों की 100 सीटों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगा। कक्षाएं आंबेडकर विश्वविद्यालय के दिल्ली के लोधी रोड स्थित परिसर में आयोजित की जाएंगी।
डीयू ने स्नातक पाठ्यक्रमों में ईसीए, खेल कोटा वाली सीट पर दाखिले के लिए नियमों में बदलाव किया
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने पाठ्येतर गतिविधियों (ईसीए) और खेल कोटा के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के नियमों में बदलाव किया है, क्योंकि दोनों श्रेणियों में से प्रत्येक श्रेणी को 2.5 फीसद अधिसंख्य सीट दी जाएंगी। अधिसंख्य सीट वे हैं, जो एक प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित सीट से अधिक हैं।
विश्वविद्यालय के अधिकारी ने कहा कि दोनों श्रेणियों के तहत सीट की संख्या की गणना अब पाठ्यक्रम के आधार पर की जाएगी, न कि कालेज के आधार पर, जैसा कि पहले किया जाता था। डीयू की अकादमिक परिषद की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया था। अंतिम निर्णय कार्यकारी परिषद द्वारा लिया जाएगा, जो विश्वविद्यालय की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
अब तक, कुल सीट क्षमता की अधिकतम पांच फीसद की सीमा के साथ ईसीए या खेल कोटा तहत विद्यार्थियों के दाखिले की संख्या तय करना कालेजों के विवेकाधीन था। प्रत्येक श्रेणी के तहत कम से कम एक फीसद का प्रतिनिधित्व भी अनिवार्य था। डीयू में दाखिला विभाग के डीन हनीत गांधी ने कहा कि उनका मानना है कि नए मानदंड दाखिला प्रक्रिया में समानता लेकर आएंगे।