मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा में कहा कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) से प्राप्त जानकारी के अनुसार समुद्री मार्ग से तस्करी किए जाने वाले मुख्य मादक पदार्थों में हेरोइन, कोकीन, हशीश और एम्फैटेमिन आदि शामिल हैं।

सांसद संजय राउत ने लिखित सवाल पूछा था कि क्या यह सच है कि देश में की जाने वाली अवैध मादक पदार्थों की कुल तस्करी में समुद्री मार्गों से की जाने वाली मादक पदार्थों की तस्करी का हिस्सा लगभग 70 फीसद होने का अनुमान है? सरकार देश में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है।

सीतारमण ने राउत का जवाब लिखित रूप में दिया। इसमें उन्होंने कहा कि समुद्री रास्ते से तस्करी किए जाने वाले इन मादक पदार्थों की तुलना में इनकी कुल जब्ती का फीसद खासा महत्त्वपूर्ण है। चालू वर्ष में 30 नवंबर तक जब्त की गई कुल 3,017 किलोग्राम हेरोइन में से 55 फीसद या 1,664 किलोग्राम समुद्री मार्ग से लाया जा रहा था।

जब्त किए गए 122 किलो कोकीन में से 84 फीसद या 103 किलो भी समुद्री मार्ग से लाया जा रहा था। इसी तरह इस अवधि में जब्त की गई हशीश में से 23 फीसद और एटीएस 30 फीसद समुद्री मार्ग से लाया गया। पिछले साल की जब्त की गई कुल 7,197 किलोग्राम हेरोइन में से 59 फीसद और 364 किलोग्राम कोकीन में से 83 फीसद समुद्री मार्ग से लाया गया था।

सीतारमण ने कहा कि विभिन्न केंद्रीय कानून प्रवर्तन एजंसियां और राज्य पुलिस विभाग भारत में मादक पदार्थों की तस्करी की निगरानी और नियंत्रण करते हैं। विभिन्न कानून प्रवर्तन एजंसियों के बीच प्रभावी समन्वय के लिए गृह मंत्रालय द्वारा एक नार्को समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) स्थापित किया गया है। मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे को नियंत्रित करने के लिए 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में से प्रत्येक में एक समर्पित कार्यबल की स्थापना की गई है। सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के तत्वावधान में स्थापित बहु-एजंसी समुद्री सुरक्षा समूह (एमएएमएसजी) समुद्री मार्गों से होने वाली ऐसी तस्करी पर भी नजर रखता है।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में सकल कर राजस्व और जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुपात बढ़कर 11.43 फीसद हो गया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 10.25 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में सकल कर राजस्व 27.1 लाख करोड़ रुपए था, जबकि सकल घरेलू उत्पाद 237 लाख करोड़ रुपए था।

सकल कर राजस्व और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात 11.43 फीसद था। वित्त वर्ष 2020-21 में सकल कर राजस्व 20.3 लाख करोड़ रुपए और जीडीपी 198 लाख करोड़ रुपए था। कर और जीडीपी का अनुपात 10.25 फीसद था। वित्त वर्ष 2019-20 में, सकल कर राजस्व और सकल घरेलू उत्पाद क्रमश: 20.1 लाख करोड़ रुपए और 201 लाख करोड़ रुपए था। कर एवं जीडीपी का अनुपात 10 फीसद था।