अभी भी एक चौथाई (23.9%) स्कूलों में पीने के लिए पानी तक नहीं है। साथ ही लगभग एक चौथाई स्कूलों (23.6%) में विद्यार्थी शौचालय की सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। स्कूलों के हालात को लेकर शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) 2022 में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के अधिकार से जुड़े स्कूली मानकों में मामूली सुधार दर्ज किया गया है।
मसलन, वर्ष 2018 में 74.2 फीसद स्कूलों में प्रयोग करने योग्य शौचालय उपलब्ध थे जो वर्ष 2022 में बढ़कर 76.4 हो गए। इसी प्रकार वर्ष 2018 में 74.8 फीसद स्कूलों में पेयजल सुविधा थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 76 फीसद हो गई। इसी अवधि में ऐसे स्कूल जहां छात्र पाठ्यपुस्तक के अलावा दूसरी पुस्तकों का उपयोग करते हैं उनकी संख्या 36.9 फीसद से बढ़ कर 44 फीसद हो गई।
रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि वर्ष 2022 में 12.5 फीसद स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं थी और 11.4 फीसद स्कूलों में पेयजल की सुविधा तो थी, लेकिन पेयजल उपलब्ध नहीं था। अगर दोनों को मिला दिया जाए तो 2022 में भी ऐसे स्कूल जहां छात्रों लिए पीने का पानी नहीं हैं, उनका आंकड़ा 23.9 फीसद (लगभग एक चौथाई) है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 2.9 फीसद स्कूलों में शौचालय की सुविधा नहीं थी, वहीं 21 फीसद स्कूलों में शौचालय की सुविधा तो थी लेकिन वे प्रयोग करने योग्य नहीं थे। यानी करीब 23.9 फीसद स्कूलों में विद्यार्थी शौचालयों की सुविधाओं से वंचित हैं। रिपोर्ट के अनुसार 10.8 फीसद स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं था तथा 8.7 फीसद स्कूलों में शौचालयों पर ताला लगा था।
एएसईआर के अनुसार, 21.7 फीसद स्कूलों में पुस्तकालय नहीं है और 77.3 फीसद स्कूलों में बच्चों के इस्तेमाल के लिए कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 93 फीसद स्कूलों में बिजली है। 89.4 फीसद स्कूलों में मध्याह्नन भोजन के लिए रसोई सुविधा उपलब्ध हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 68.1 फीसद प्राथमिक विद्यालयों में सभी कक्षाओं के लिए पोशाक दी गई, जबकि 51.1 फीसद उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पोशाक वितरित की गई।