Hypersonic Missile: भारत रक्षा के क्षेत्र में लगातार समय के साथ तरक्की हासिल कर रहा है। डीआरडीओ ने रविवार (17 दिसंबर) को ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सफल परीक्षण करने के बाद में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ को बधाई दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘भारत ने ओडिशा के तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने हमारे देश को ऐसे चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास ऐसी महत्वपूर्ण और उन्नत सैन्य तकनीकें हैं। मैं डीआरडीओ की टीम को बधाई देता हूं। मैं अपनी शानदार उपलब्धियों के लिए हमारे सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देता हूं।’ बता दें कि इस मिसाइल की टेस्टिंग DRDO और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ साइंटिस्टों की मौजूदगी में किया गया है। यह परीक्षण हाइपरसोनिक तकनीक और लंबी दूरी के हथियारों में भारत की क्षमताओं को दिखाता है।
क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत?
अब जरा हाइरपसोनिक मिसाइल की खासियत की बात करें तो यह आवाज की रफ्तार से करीब (1235 किलोमीटर प्रतिघंटे) से कम से कम पांच गुना स्पीड से उड़ान भर सकती है। इसकी न्यूनतम स्पीड 6174 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। इतना ही नहीं यह मिसाइल क्रूज और बैलेस्टिक दोनो के फीचर्स से लैस है। यह अलग-अलग पेलोड ले जाने और किसी भी परिस्थितियों में ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम है। लंबी दूरी की यह मिसाइल दुश्मन के रडार को चकमा देने की तकनीक से भी लैस है।
स्वदेश एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैयार कर रहा DRDO
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विश्व में इस समय हाइपरसोनिक मिसाइल की क्षमता सिर्फ पांच देशो अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और भारत के पास ही है। हालांकि, ईरान की ओर से भी इस तरह की मिसाइलों के परीक्षण की जानकारी सामने आती रही है। इन देशों के अलावा, ब्रिटेन, इजरायल, ब्राजील और दक्षिण कोरिया में भी इस तकनीक को विकसित किया जा रहा है।