रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना ने गुरुवार (4 अगस्त, 2022) को स्वदेशी रूप से तैयार की गई लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया है। महाराष्ट्र के केके रेंज में मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से बख्तरबंद कोर सेंटर और स्कूल (ACC&S) अहमदनगर के सपोर्ट से यह परीक्षण किया गया।

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लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ने सटीकता के साथ टारगेट पर निशाना दागा। मिसाइल का दो अलग-अलग रेंज में निर्धारित लक्ष्यों पर परीक्षण किया गया। यह नजदीक और दूर दोनों टारगेट्स को मारकर गिराने में सक्षम है। इस दौरान मिसाइल की टेलीमेट्री और फ्लाइट प्रदर्शन सही था।

इस मिसाइल में टैंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वारहेड है, जिसके इस्तेमाल से अत्यधिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को भेदा जा सकता है।

विज्ञप्ति के अनुसार, एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षण चल रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा, “डीआरडीओ और भारतीय सेना ने युद्धक टैंक ‘अर्जुन’ के माध्यम से स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण सफलतापूर्वक किया।” रक्षा मंत्रालय ने कहा, “मिसाइलों ने दो अलग-अलग रेंज मे सटीक रूप से लक्ष्यों को साधते हुए इन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। ‘टेलीमेट्री’ प्रणाली ने मिसाइलों के संतोषजनक उड़ान प्रदर्शन को दर्ज किया है।”

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल प्रदर्शन के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के परीक्षण फायरिंग से जुड़ी टीमों को बधाई दी।

दो महीने पहले किया गया था अग्नि-4 का सफल परीक्षण

इससे दो महीने पहले 6 जून को अग्नि -4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। इसे ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लॉन्च किया गया था। अग्नि-4 की खास बात यह है कि यह एक इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो परमाणु हमले में सक्षम है। इसके साथ ही 4000 किलोमीटर तक वार कर सकती है। डीआरडीओ ने इस मिसाइल को विकसित किया है।