India’s Sudarshan Chakra: स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम के मामले में भारत ने आज एक बड़ी सफलता हासिल की है। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने आज ओडिशा के तट से एकीकृत हवाई रक्षा हथियार प्रणाल की पहली उड़ान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इसको लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर जानकारी देते हुए डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी।

इस नई डिफेंस प्रणाली का सफल परीक्षण ऐसे वक्त में हुआ है, जब ऑपरेशन सिंदूर के तीन महीने हुए हैं। IADWS में एक बहुस्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली है, जिसमें त्वरित रिएक्शन के तौर पर जमीन से हवा में मार करने वाली सभी स्वदेशी मिसाइल, बहुत कम दूरी की हवाई रक्षा प्रणाली वाला लेजर गाइडेड डिफेंस सिस्टम है।

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क्या बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह?

दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा, “मैं IADWS को सफलतापूर्वक विकसित करने के लिए डीआरडीओ, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देता हूं। इस अद्वितीय उड़ान परीक्षण ने हमारे देश की बहुस्तरीय हवाई रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के खिलाफ रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगी।”

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क्या खास है भाहरत का ये सुदर्शन चक्र?

बता दें कि उन्नत मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘सुदर्शन चक्र’ अपनी तकनीकी क्षमताओं के कारण बेहद खास है। यह सिस्टम 2500 किलोमीटर तक की रेंज में पाकिस्तान और चीन से आने वाली मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम होगा। यह सुदर्शन चक्र 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक हवा में किसी भी मिसाइल को इंटरसेप्ट करने में सक्षम होगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और लेजर-गाइडेड सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल हुआ है।

कितनी है सुदर्शन चक्र की रफ्तार?

सुदर्शन चक्र 5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से मिसाइल दाग सकता है और इसकी संरचना एक ग्राउंड-बेस्ड और स्पेस-बेस्ड हाइब्रिड सिस्टम पर आधारित है, जिसमें सैटेलाइट और रडार नेटवर्क दोनों शामिल हैं। इसका लक्ष्य दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और हाइपरसोनिक हथियारों को निष्क्रिय करना है। सरकार ने इसे 2026 तक पूरी तरह से तैनात करने का लक्ष्य रखा है और इसकी अनुमानित लागत करीब 50,000 करोड़ रुपये लगाई गई है।

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