रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित देसी हॉवित्जर एटीएजीएस तोप का परीक्षण ओडिशा के बालासोर में किया गया। डीआरडीओ के वैज्ञैनिकों का कहना है कि यह दुनिया की सबसे अच्छी तोप है। इससे भारतीय सेना को और ज्यादा ताकत मिली है। यह 48 किलोमीटर तक लक्ष्य साध सकती है। यह तोप भारतीय सेना की 1800 आर्टिलरी गन सिस्टम की जरूरत को पूरा करने में सक्षम है। डीआरडीओ की तरफ से कहा गया है कि अब इस क्षेत्र में आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एटीएजीएस तोप चीन सीमा के पास सिक्किम में और पाकिस्तान बॉर्डर के पास पोखरण में अब तक 2000 राउंड फायर कर चुकी है। एटीएजीएस प्रोजेक्ट डायरेक्टर औऱ सीनियर वैज्ञानिक शैलैंद्र वी गड़े ने कहा कि यह गन सिस्टम बोफोर्स से काफी अच्छा है। इशके अलावा इजरायल से ली गई एटीएचओएस के मुकाबले भी यह बहुत बेहतर है।
अडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) को डीआरडीओ ने विकसित किया है। इसे भारत फॉर्ज और टाटा अडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड ने मिलकर प्रोड्यूस किया है। वैज्ञानिक ने बताया, ‘भारतीय सेना को 1580 टोड आर्टिलरी गन की जरूरत है। अभी कुल 1800 बंदूकों की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि इस गन से बाकी की 1800 बंदूकों की कमी पूरी हो जाएगी।’
गड़े ने कहा कि युद्ध को देखते हुए भारतीय सेना को अभी और मजबूत होने की जरूरत है। यह दुनिया का सबसे दूर तक गोलीबारी करने वाला तोप है। इससे निशाना लगाते वक्त खतरा भी कम है। अभी तक कोई और देश इतनी दूर तक इतना ताकतवर फायरिंग की तकनीक विकसित नहीं कर सका है इसलिए इसे बेस्ट सिस्टम कहा गया है।
वैज्ञानिक ने कहा कि अब भविष्य के नजरिए से तैयारी करने की जरूरत है। आने वाले समय में ऐसी ही तोपें और बंदूकें काम आएंगी। अन्य देश भी रिसर्च और डिवेलपमेंट में लगे हुए हैं। ऐसे में भारत को भी हथियार के मामले में अग्रणी रहना होगा। इसी से सेना की ताकत भी बढ़ती है औऱ जवानों का हौसला बढ़ता है।