Dr Manmohan Singh Passes Away: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। इस खबर से पूरे देश में शोक की लहर है। भारत सरकार ने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और सात दिन के राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर वैश्विक नेताओं ने भी शोक जताया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल ने एक्स पर पोस्ट किया और उनकी आर्थिक नीतियों की सराहना की।

वैश्विक नेताओं ने डॉ मनमोहन सिंह के साथ अपने संस्मरणों को याद किया। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने 1991 के उदारीकरण प्रयासों के माध्यम से भारत को बाजार आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलने में सिंह की भूमिका के बारे में बात की, जबकि मर्केल ने बताया कि कैसे मनमोहन सिंह ने उन्हें विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के परिप्रेक्ष्य को समझने में मदद की।

मनमोहन सिंह से जुड़ी अनसुनी कहानियां

मनमोहन सिंह को बराक ओबामा ने बताया सौम्य और मृदुभाषी

बराक ओबामा ने पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह को लेकर कहा कि वे एक सौम्य, मृदुभाषी अर्थशास्त्री थे। ओबामा ने मनमोहन सिंह को भारत की अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण का श्रेय दिया था। ओबामा ने कहा कि उनकी “सफेद दाढ़ी और पगड़ी उनके सिख धर्म की पहचान थी, लेकिन पश्चिमी लोगों की नजर में वे एक पवित्र व्यक्ति लगते थे।

कैसे देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे डॉ मनमोहन सिंह

बराक ओबामा लिखते हैं कि 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सिंह लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रहे। ओबामा लिखते हैं कि भारत के आर्थिक परिवर्तन के मुख्य वास्तुकार के रूप में सिंह इस प्रगति के एक उपयुक्त प्रतीक प्रतीत होते थे। सिख समाज से आकर वे देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे थे। जिन्होंने लोगों का विश्वास उनकी भावनाओं को भड़काकर नहीं, बल्कि उच्च जीवन स्तर लाकर और भ्रष्ट न होने की अच्छी-खासी प्रतिष्ठा बनाए रखकर जीता था।

मनमोहन सिंह ने कई बार साबित किया कि वे एक्सीडेंटल पीएम नहीं थे

ओबामा ने बताए अपने साथ मनमोहन सिंह के रिश्ते

पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों के बारे में ओबामा लिखते हैं कि मनमोहन सिंह और मैंने एक मधुर और संबंध विकसित किए था। हालांकि वे विदेश नीति में सतर्क हो सकते थे, भारतीय नौकरशाही से बहुत आगे निकलने के लिए तैयार नहीं थे, जो ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी इरादों के प्रति संदिग्ध थी, हमारे साथ बिताए समय ने उनके बारे में मेरी प्रारंभिक धारणा को पुष्ट किया कि वे असाधारण बुद्धि और शालीनता वाले व्यक्ति थे। ओबामा ने कहा कि राजधानी नई दिल्ली की मेरी यात्रा के दौरान, हम आतंकवाद, वैश्विक स्वास्थ्य, परमाणु सुरक्षा और व्यापार पर अमेरिकी सहयोग को मजबूत करने के लिए समझौतों पर पहुँचे।

एंजेला मर्केल ने की आर्थिक सुधारों की तारीफ

2005 से 2021 के बीच जर्मनी की चांसलर रहीं एंजेला मर्केल ने कहा है कि फ्रीडम मेमोयर्स (1954-2021) में लिखा है कि उनकी पहली मुलाकात सिंह से अप्रैल 2006 में हुई थी, जब उन्होंने आधिकारिक तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले हनोवर मेसे का उद्घाटन किया था। उन्होंने लिखा कि सिंह का प्राथमिक उद्देश्य भारत की 1.2 अरब आबादी के दो-तिहाई हिस्से, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, के जीवन स्तर में सुधार लाना था।

मर्केल ने कहा कि यह 800 मिलियन लोगों के बराबर था, जो जर्मनी की पूरी आबादी से दस गुना ज़्यादा था। उनके साथ बातचीत में मैं उभरते देशों की हमारे, समृद्ध देशों के प्रति गलतफहमी को बेहतर ढंग से समझ पाईं। उन्होंने कहा कि उनके दृष्टिकोण से, हमें उम्मीद थी कि वे हमारी समस्याओं में बहुत रुचि लेंगे, लेकिन हम उन्हें वही शिष्टाचार दिखाने के लिए तैयार नहीं थे। मनमोहन सिंह से जुड़ी अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।