सरकार द्वारा गांधी परिवार को दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा इसी महीने वापस ले ली गई थी और उन्हें केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) की जेड प्लस सुरक्षा दे दी गई थी। अब गांधी परिवार को दस साल पुरानी टाटा सफ़ारी और घर में पुलिस सुरक्षा दी गई है। संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के मुद्दे पर प्रदर्शन भी किया। इसे लेकर विपक्षी दलों ने प्रधान नरेंद्र मोदी से जवाब भी मांगा।

जेड-प्ल्स सिक्योरिटी में दिल्ली पुलिस को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घरों का नियंत्रण सौंपा गया है। साथ ही अब गांधी परिवार को स्पेशल बुलेट प्रूफ गाड़ियों की बजाए 10 साल पुरानी यानी 2010 की टाटा सफारी दी गई है। जेड-प्ल्स सिक्योरिटी के तहत 100 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं।

सरकार के सूत्रों ने संशोधन के लिए परिवार के लिए कम खतरे की धारणा को जिम्मेदार ठहराया था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक गांधी परिवार को अब कम खतरा है और इस वजह से उनकी सुरक्षा को पहले से कम कर दिया गया है। एसपीजी में कुल 3,000 जवान हैं. यह न केवल कमांडो सुरक्षा देती है बल्कि इसमें वर्दी वाले एजेंट भी होते हैं जो उन जगहों की रेकी करते हैं जहां उनकी सुरक्षा में रहने वाली हस्‍ती को जाना होता है।

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इकलौते शख्स हैं जिनके पास एसपीजी सुरक्षा है। नियमों के तहत एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को सुरक्षाकर्मी, उच्च तकनीक से लैस वाहन, जैमर और उनके कारों के काफिले में एक एम्बुलेंस मिलती है। सरकार ने इस साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा भी हटा दी थी।

बता दें एसपीजी सुरक्षा सोनिया, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका के नई दिल्ली स्थित आवासों से हटा ली गई है। लिट्टे के आतंकवादियों ने 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी जिसके बाद गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा प्रदान की गई थी। उन्हें सितंबर 1991 में 1988 के एसजीपी कानून के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था।