पंजाब में रहने वाले पाकिस्तान के कई हिंदू और मुस्लिमों को भारत की सिटिजनशिप मिलने का इंतजार कर रहे हैं। शुक्रवार को अदनान सामी को भारतीय नागरिकता मिलने के बाद इन लोगों ने कहा, ‘जब सिंगर को सिटिजनशिप मिल सकती है तो हमें क्यों नहीं?’ मुताबिक 312 पाकिस्तानी हिंदू जालंधर और पठानकोट में रह रहे हैं। 220 से ज्यादा से अकेले जालंधर में रह रहे हैं।
‘चंडीगढ़ ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, फलक राम 1998 में भारत आए थे। यहां आकर उन्होंने भारतीय महिला से शादी कर ली। अब वह एक सर्जिकल फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह वीजा एक्सटेंशन चाहते हैं। हमारा पासपोर्ट कई साल पहले एक्सपायर्ड हो चुका है।
फलक राम ने कहा, ‘मैंने 2005 में सिटिजनशिप के लिए अप्लाई किया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। पाकिस्तान से आए कला राम ने कहा कि हम लोग क्यों अभी तक सिटिजनशिप का इंतजार कर रहे हैं? जब तक हमें भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी, हमारे सपने भी पूरे नहीं होंगे। अहमदिया समुदाय की कई महिलाएं पंजाब के गुरदासपुर के कादियां में करीब 20 साल से रह रही हैं। इन महिलाओं ने भारतीय पुरुषों से शादी की है, लेकिन इनके पास भारतीय नागरिकता नहीं है।
पाकिस्तान के फैसलाबाद की रहने वाली ताहिरा जहूर ने बताया कि 2003 में उनकी शादी भारत चौधरी मकबूल से हुई। वह सारी कागजी कार्यवाही पूरी कर चुकी हैं, लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिल रही है। जहूर ने कहा कि उन्हें इस बात की हैरानी कि भारत सरकार ने अदनान सामी से ज्यादा प्यार दिखाया। उन्होंने बताया कि वह 12 साल से भारत में रह रही हैं, लेकिन उन्हें कहीं जाने की इजाजत नहीं है। यह एक तरह से घर में कैद करने जैसा है। ताहिरा के पति मकबूल ने बताया कि वे दोनों नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन और यूएन से भी मदद की गुहार लगा चुके हैं।
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