दो दिन पहले अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद की एनकाउंटर में मौत के बाद शनिवार को माफिया से राजनेता बना अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारकर हत्या कर दी गई। दो दशकों से जरायम की दुनिया में आतंक का पर्याय बना अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ काफी समय से जेल में बंद थे। अतीक गुजरात के साबरमती जेल में था, जबकि अशरफ बरेली जेल में बंद था। दोनों को हाल ही में न्यायालय में पेशी के लिए पुलिस प्रयागराज लाई थी।
बेटे की मौत के बाद टूट गया था
इससे पहले 13 अप्रैल को प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वांछित अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद और शूटर मोहम्मद गुलाम का यूपी एसटीएफ ने गुरुवार (13 अप्रैल) को एनकाउंटर कर दिया। दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम था। बेटे असद की मौत से अतीक टूट गया था। एक समय अतीक अहमद माफिया से राजनेता बनकर सियासत में अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी और खुद की छवि बदलने में जुटा था। लेकिन अपराध करना नहीं बंद किया था। बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद इसके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज किये गये थे। अतीक जेल में रहकर भी अपराध कराता रहा।
उसके समर्थन में लगातार बोलते रहे हैं कई सियासी नेता
जेल से ही अपने गुर्गों को लगातार निर्देश देकर अपहरण, वसूली और हत्या की वारदातें जारी रखी थी। सियासी पकड़ मजबूत होने और चार बार विधायको और एक बार सांसद बनने की वजह से कई राजनीतिक दलों के लिए वह खास बना बैठा था।
13 अप्रैल को भी जब उसके बेटे मोहम्मद असद को पुलिस ने झांसी के पास एनकाउंटर में मार गिराया था, तब भी सियासी दलों के कई नेता अतीक अहमद के हिमायत में बयान दे रहे थे। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और एआईएमआईएम के ने ओवैसी ने अतीक अहमद का समर्थन करते हुए बेटे के एनकाउंटर को गलत बता रहे थे।