कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच ओमिक्रोन वेरिएंट के मामले भी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। सोमवार तक देश में इसकी संख्या 1892 हो गई थी। इसमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र और दिल्ली में पाये गये हैं। वहीं ओमिक्रोन को लेकर जानकारी सामने आई है कि यह वेरिएंट कोरोना की एक ऐसी नैचुरल वैक्सीन है, जिससे इस साल के अंत तक इस महामारी का खात्मा हो सकता है।

बता दें कि अमेरिका की Yale University में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले ओमिक्रोन वेरिएंट में काफी अधिक बदलाव हुए हैं। कई बार इन म्यूटेशन की वजह से यह वेरिएंट वायरस को कमजोर बना देते हैं तो कई बार अधिक खतरनाक। साल 2020 और 2021 में कोरोना वायरस में जितने भी म्यूटेशन हुए उन्होंने इस वायरस को जानलेवा बनाया। लेकिन ओमिक्रोन के मामले में कहा जा रहा है कि यह वायरस को खत्म कर सकता है।

महामारी को खत्म करने में मददगार होगी: स्टडी में पता चला है कि ओमिक्रोन वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले अधिक तेजी से फैलता है। ऐसे में यही इसके कमजोर होने का कारण भी हो सकता है। अमेरिका में हुई स्टडी के मुताबिक संक्रमण फैलने की रफ्तार महामारी को खत्म करने में मददगार होगी। दरअसल ओमिक्रोन जितनी गति से प्रसार करेगा उतनी ही तेजी से ये कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को परिवर्तित कर देगा।

ओमिक्रोन को लेकर पता चला है कि यह अधिक संक्रामक भले ही है लेकिन कई मामलों में इसके मरीजों को अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ती। यह सामान्य सर्दी जुकाम की तरह चार पांच दिनों में चला जाता है। इसके साथ ही उसके लक्षण भी चले जाते हैं। हालांकि मरीजों को इस दौरान मास्क लगाकर रखना होगा। सबसे खास बात यह कि ओमिक्रोन वेरिएंट एक नैचुरल वैक्सीन का भी काम कर रहा है।

ताकतवर एंटीबॉडीज़: शोध के मुताबिक ओमिक्रोन की वजह से शरीर में बनने वाले एंटीबॉडीज़ इतने शक्तिशाली होते हैं कि इसके मुकाबले कोई भी वैक्सीन ये एंटीबॉडीज़ विकसित नहीं कर सकती। इसी वजह से अब अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को गंभीर नहीं माना जा रहा। मौजूदा समय में अमेरिका में ढाई लाख और ब्रिटेन में लगभग डेढ़ लाख कोरोना के नए मामले आ रहे हैं। हालांकि इसमें मौत का आंकड़ा तीन से चार गुना कम है।

बता दें कि भारत में मंगलवार को ओमिक्रोन के कुल मामले 1892 हो गये हैं। इसमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र और दिल्ली में मिले हैं। जहां महाराष्ट्र में 568 मामले तो वहीं दिल्ली में 382 केस पाये गये हैं।