ईरान ने कहा है कि सीरिया की राजधानी दमिश्क में उसके वाणिज्यिक दूतावास पर इजराइल के कथित हमले का वह जवाब देगा। सीरिया में ईरान के राजदूत ने कहा है कि उस हमले में इस्लामिक रिवाल्युशनरी गार्ड्स कोर (आइआरजीसी) के सात और सीरिया के छह नागरिक सहित कुल 13 लोग मारे गए हैं। मारे गए लोगों में ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रजा जाहेदी भी थे। वे आइआरजीसी की विदेशी शाखा ‘कुद्स फोर्स’ के एक अहम अधिकारी थे।
इजराइल ने अभी तक इस हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन ईरान और सीरिया ने उस हमले के लिए इजराइल को दोषी ठहराया है। लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स में अंतरराष्ट्रीय संबंध के प्रोफेसर फवाज गेर्जेस ने कहा, यह न केवल ईरान बल्कि रिवाल्युशनरी गार्ड्स कोर फोर्स के शीर्ष नेतृत्व पर भी हमला था। इससे कुद्स फोर्स को बड़ा नुकसान हुआ, जो लेबनान में हिजबुल्लाह और सीरिया के साथ समन्वय और हथियार और तकनीक स्थानांतरण के लिए बड़ा धक्का है। ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस हमले की कड़ी आलोचना की और इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकी दी।
ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम उन्हें यह अपराध करने और ऐसी कार्रवाई करने पर पछताने को मजबूर करेंगे। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने इस हमले को ‘अमानवीय, आक्रामक और घृणित काम’ बताया और कहा कि इसका जवाब दिया जाएगा। साल 1979 में ईरान की इस्लामिक क्रांति ने पश्चिम को चुनौती देने वाले नेतृत्व को सत्ता में आने का मौका दिया और तभी से ईरानी नेता इजराइल को मिटाने की बात करते रहे हैं।
ईरान, इजराइल के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता है और उसका कहना है कि इजराइल ने मुसलमानों की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। दूसरी तरफ, इजराइल भी ईरान को एक खतरे के तौर पर देखता है। उसने हमेशा ही ये कहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए।
ईरान और इजराइल की सीमाएं एक-दूसरे से नहीं लगतीं, लेकिन इजराइल के पड़ोसी देशों जैसे लेबनान, सीरिया और फिलिस्तीन में ईरान का प्रभाव साफ दिखता है। सीरिया के विदेश मंत्री से फोन पर बात करते हुए ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने इस हमले को सभी समझौतों का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने इसके लिए सीधे इजराइल पर उंगली उठाई। ईरान के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने कहा कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पूरी तरह से अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
पश्चिम एशिया मामलों के जानकार अली सद्रजादेह कहते हैं कि ईरान अपनी सैन्य क्षमता और आर्थिक-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इजराइल के साथ बड़ा टकराव लेने में अक्षम है, लेकिन घरेलू राजनीति के लिए इसे जवाब देना होगा। अपने क्षेत्रीय सहयोगियों के बीच उसे अपनी प्रतिष्ठा की भी रक्षा करनी होगी। यही राय फवाज गेर्जेस की भी है। वे मानते हैं कि इजराइल के खिलाफ ईरान सीधा जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा।
पछताने को मजबूर करेंगे
ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने चेतावनी देते हुए कहा, हम उन्हें यह अपराध करने और ऐसी कार्रवाई करने पर पछताने को मजबूर करेंगे। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने इस हमले को ‘अमानवीय, आक्रामक और घृणित काम’ बताया और कहा कि इसका जवाब दिया जाएगा।