पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स की हड़ताल के समर्थन में देश के कई राज्यों में आज डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टर्स की यह हड़ताल पश्चिम बंगाल के NRS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दो जूनियर डॉक्टरों की कथित पिटाई के विरोध में शुरु हुई है। डॉक्टरों की मांग है कि उनकी सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स और हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों ने 14 जून को हड़ताल का समर्थन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन और एम्स की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी आज हड़ताल का ऐलान किया है। इनके अलावा नागपुर, रायपुर आदि जगहों पर भी डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। बता दें कि बीती 10 जून को पश्चिम बंगाल के NRS मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स के खिलाफ हिंसा के बाद बंगाल में इसे लेकर विरोध शुरु हुआ था और डॉक्टर्स ने विभिन्न मेडिकल सेवाएं बंद कर दी और हड़ताल पर चले गए। हड़ताल के चलते पश्चिम बंगाल में मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। बंगाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान अभी तक 100 से ज्यादा डॉक्टर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। पिछले तीन दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह से बाधित चल रही हैं। आज 14 जून को कई राज्यों में डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है।
Delhi: Resident Doctors’ Association, Safdarjung Hospital holds protest over violence against doctors in #WestBengal. pic.twitter.com/qFELP2hXuX
— ANI (@ANI) June 14, 2019
बता दें कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टर्स की हड़़ताल के चलते कोलकाता के सरकारी अस्पताल एसएसकेएम पहुंची और हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए। ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को चेताते हुए कहा कि यदि डॉक्टर्स काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मुद्दे पर डॉक्टर्स ने राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की है और मुख्यमंत्री के बयान पर नाराजगी भी जतायी। डॉक्टर्स की मांग है कि काम के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जाए, साथ ही मारपीट में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती है, वह काम पर नहीं लौटेंगे।