Nitin Gadkari News: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को नागपुर में RBI चौक से ऑटोमोटिव चौक के बीच एक रोड का शिलान्यास किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के रेवेन्यू मिनिस्टर चंद्रशेखर बावनकुले, पब्लिक वर्क्स मिनिस्टर शिवेंद्रराजे भोसले और कई दूसरे अधिकारी और अन्य लोग मौजूद थे। इस दौरान गडकरी ने म्युनिसिपल कमिश्नर के साथ हुई एक मजेदार बातचीत का जिक्र किया।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “मैं हमेशा मजाक में कमिश्नर से पूछता हूं कि क्या वह अगला लोकसभा चुनाव मेरे खिलाफ लड़ना चाहते हैं? क्योंकि नागपुर में आपके जैसा दयालु ऑफिसर कोई नहीं है।” गडकरी की यह बात सुनकर वहां पर मौजूद सभी लोग हंस पड़े। उन्होंने इस बात की भी आलोचना की कि नेता अतिक्रमण रोकने की कोशिश करते हैं और अधिकारी अतिक्रमण हटाते हैं, लेकिन नागपुर में स्थिति इसके उलट है, इसलिए शहर की ज्यादातर सड़कों पर अतिक्रमण दिखता है।

अगले 25 सालों में इन सड़कों पर कोई भी गड्ढा नहीं होगा- गडकरी

गडकरी ने जोर देकर कहा कि अगले 25 सालों में इन सड़कों पर एक भी गड्ढा नहीं होगा। सड़कों को मॉडर्न तरीके से डेवलप किया जाएगा और उनमें सही ड्रेनेज सिस्टम, चौड़े फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट, साइकिल ट्रैक जैसी सुविधाएं होंगी। गोल बाजार, जो नागपुर शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाता है, उसे भी रेनोवेट किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए सड़क पर से अतिक्रमण हटाना जरूरी है और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को इस बारे में ठोस कदम उठाने चाहिए।

ये भी पढ़ें: ‘राजनीति में भी बड़ा दिल होना चाहिए’, आखिर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने क्यों कही ये बात

गडकरी ने मनकापुर चौक स्टेडियम और RBI चौक के बीच बने फ्लाईओवर के डिजाइन को लेकर अपनी गलती साफ तौर पर मानी। उन्होंने बताया कि RBI चौक पर उतरने वाले पुल की जगह बदली जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि CRF से मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए बड़ी रकम दी गई है और डिजाइन फाइनल होने के बाद ट्रैफिक रूट ज्यादा खुला हो जाएगा।

नागपुर के कुछ प्रोजेक्ट्स की धीमी गति पर भी जताई चिंता

केंद्रीय मंत्री ने नागपुर में कुछ प्रोजेक्ट्स की धीमी रफ्तार पर भी टिप्पणी। केलीबाग में सिर्फ दो किलोमीटर की सड़क बनने में 12 साल लगने का उदाहरण देते हुए उन्होंने पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट, म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और कोर्ट का जिक्र किया। उन्होंने भविष्य में महल इलाके में मार्केट बनाने और सड़क पर बिजनेस करने वालों को दूसरी जगह देने का इरादा भी जताया।

ये भी पढ़ें: ‘मैं कोई संत नहीं हूं…’, आखिर नितिन गडकरी ने क्यों कही यह बात