Indian Delegation Operation Sindoor: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के बयान को आरएलडी नेता मलूक नागर ने आड़े हाथों लिया है। मलूक नागर ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता यह भी कह रहे हैं कि कोई प्रतिनिधिमंडल जाना ही नहीं चाहिए। क्या वे नहीं चाहते कि दुनिया में पाकिस्तान बेनकाब हो जाए? क्या वे चाहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहे?

मलूक नागर ने कहा कि जहां तक ​​जयराम रमेश का सवाल है, उनका कहना है कि उन्होंने जो चार नाम दिए थे, उनका चयन नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने यूएन स्तर पर काम करने वाले और अधिक योग्य लोगों के नाम क्यों नहीं दिए। संसद सत्रों के दौरान हमने देखा कि कांग्रेस की सीटें खाली थीं। शशि थरूर अपना संदेश अंग्रेजी और हिंदी में स्पष्ट रूप से देते हैं।

नागर ने कहा कि अभी बात देश की है, किसी पार्टी की नहीं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कांग्रेस को कौन सा सांसद पसंद आया या नहीं। बात यह है कि देश का संदेश दुनिया को कौन देगा। दूसरी बात, क्या जयराम रमेश मानते हैं कि कांग्रेस में बहुत सी दरारें हैं? वे यह स्वीकार कर रहे हैं कि जो सांसद जा रहे हैं, उन्हें वे कांग्रेस के सांसद नहीं मानते। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में हमारे देश का सम्मान दांव पर लगा है और हम मजबूती से खड़े हैं। आप उसमें भी राजनीति ढूंढ रहे हैं। अगर आप ऐसा करते रहेंगे, तो आपका हालत और भी बदतर हो जाएगी।

जयराम रमेश ने क्या कहा था?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पार्टी सांसद शशि थरूर पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि ‘कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, दोनों में ज़मीन-आसमान का फर्क है’। ये बयान तब आया जब केंद्र सरकार ने शशि थरूर को पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद पर भारत की स्थिति को वैश्विक मंचों पर रखने के लिए डेलिगेशन में शामिल किया है।

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इस घटनाक्रम के बाद जयराम रमेश ने कहा कि जब किसी सांसद को किसी सरकारी प्रतिनिधिमंडल में भेजा जाता है, तो पार्टी से सहमति लेना एक लोकतांत्रिक परंपरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कांग्रेस से चर्चा किए बिना शशि थरूर का नाम सूची में शामिल किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है। उन्होंने साफ किया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से हुई बातचीत में थरूर का नाम सामने नहीं आया था।

शशि थरूर की प्रतिक्रिया

शशि थरूर ने सरकार की ओर से मिली जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए एक्स पर लिखा कि सरकार द्वारा मुझे 5 प्रमुख देशों में जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का आमंत्रण मिला, इसके लिए मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब बात राष्ट्रीय हित की हो और मेरी ज़रूरत हो, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा।

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