दिल्ली सरकार ने बुधवार को एक बार फिर शहर के सभी पेट्रोल पंप को निर्देश दिया कि वे 25 अक्तूबर से केवल उन वाहन मालिकों को ईंधन न बेचें, जिनके पास अपने वाहनों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) है।
परिवहन विभाग ने एक नोटिस जारी कर उन सभी वाहन मालिकों को पीयूसीसी के लिए अपने वाहनों की जांच कराने का निर्देश दिया है, जिनके वाहन (इलेक्ट्रिक या बैटरी से चलने वाले वाहनों को छोड़कर) पंजीकरण की तारीख से एक वर्ष से अधिक पुराने हैं। विभाग वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर रहा है कि यदि उनके पास वैध पीयूसीसी नहीं है, तो वे एक हफ्ते में इसे प्राप्त कर लें, अन्यथा उनका पंजीकरण प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया जाएगा।
इसके अलावा दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्यों से आने वाली सभी बस की आनंद बिहार बस अड्डे पर पीयूसीसी संबंधी जांच करने के लिए दल गठित किए हैं। विभाग ने वाहन मालिकों से कहा है कि वे असुविधा और कानून के तहत कार्रवाई से बचने के लिए 25 अक्तूबर से पहले वैध पीयूसीसी हासिल कर लें।
नोटिस में कहा गया है-वैध पीयूसीसी के बिना वाहन चलाने पर 10,000 रुपए के जुर्माने और तीन साल की कैद या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। पर्यावरण विभाग पेट्रोल, डीजल और सीएनजी पंप के सभी डीलर के लिए यह अनिवार्य बनाने के वास्ते अधिसूचना जारी करने पर विचार कर रहा है कि 25 अक्तूबर से वैध पीयूसीसी दिखाने पर ही वाहनों को र्इंधन बेचा जाए। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस माह की शुरुआत में घोषणा की थी।