लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन डीएमके सांसद ए. राजा के बयान पर विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने सत्ता पक्ष NDA के नेताओं को ‘Bad Elements’ कहा, जिस पर बीजेपी के नेताओं ने कड़ी नाराजगी जताई और हंगामा किया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सवाल उठाते हुए कहा कि वे हमें ‘Bad Elements’ कैसे कह सकते हैं?”

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ए. राजा से उनकी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगने की मांग की। कार्यवाहक अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने कहा कि टिप्पणी को हटा दिया गया है।

डीएमके सांसद ए. राजा ने अपने भाषण में कहा कि देश के विभाजन के लिए दो-राष्ट्र सिद्धांत की शुरुआत 1947 में मुहम्मद अली जिन्ना ने नहीं, बल्कि हिंदुत्व के आइकॉन माने जाने वाले वीर सावरकर ने 1924 में की थी। उनके इस बयान के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। उन्होंने सवाल उठाया कि, “संविधान के निर्माण में आरएसएस का क्या योगदान है?” डीएमके नेता ए. राजा ने बीजेपी नेताओं पर संविधान में बदलाव की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।

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उनके इन बयानों पर NDA ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और माफी की मांग की। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि चुनाव से पहले भी कहा गया था कि अगर बीजेपी को 400 सीटें मिलती हैं, तो वे संविधान में बदलाव करेंगे और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेंगे। वह अपनी बात को प्रमाणित करें। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।

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अडानी और सोरोस के मुद्दे को लेकर हंगामा

इसके अलावा संसद में पिछले कई दिनों से उद्योगपति गौतम अडानी और जॉर्ज सोरोस के मुद्दे को लेकर जबरदस्त हंगामा हो रहा है। विपक्ष की अगुवाई कर रही कांग्रेस ने अडानी को बड़ा मुद्दा बनाया है जबकि बीजेपी ने सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोज के कथित संबंधों को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले फाउंडेशन को जॉर्ज सोरोस ने फंड किया है।