Karnataka BJP chief BY Vijayendra: कर्नाटक बीजेपी में इन दिनों नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा जोरों पर है। कर्नाटक दक्षिण में अकेला ऐसा राज्य था जहां बीजेपी की सरकार थी लेकिन कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में उसे करारी शिकस्त दी थी। हाल ही में राज्य भाजपा के कई नेताओं ने दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की थी और अब यह कहा जा रहा है कि पार्टी संगठन में बड़े बदलाव हो सकते हैं।

मौजूदा वक्त में प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बीवाई विजयेंद्र संभाल रहे हैं। वह कर्नाटक में पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे हैं। कहा जा रहा है कि विजयेंद्र और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक कांग्रेस सरकार को मजबूत ढंग से नहीं घेर पा रहे हैं और इससे केंद्रीय नेतृत्व नाराज है।

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कांग्रेस सरकार को नहीं घेर पा रही बीजेपी

पिछले कुछ महीनों में कई ऐसे मौके आए जब बीजेपी मौके होने के बाद भी राज्य की कांग्रेस सरकार को नहीं घेर पाई। जैसे- नए सिरे से जाति सर्वेक्षण की मांग, भ्रष्टाचार के मामले और बेंगलुरु के स्टेडियम में हुई भगदड़ आदि। कर्नाटक बीजेपी में कुछ नेताओं का मानना है कि पार्टी कांग्रेस सरकार की ‘अल्पसंख्यक समर्थक नीतियों’ का मुकाबला नहीं कर पा रही है जबकि अतीत में पार्टी इसे लेकर कांग्रेस पर हमलावर रही है।

गौड़ा ने कहा था- पार्टी में गुटबाजी है

हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा था कि कर्नाटक बीजेपी की स्थिति ‘बारूद के ढेर’ की तरह है जो कभी भी फट सकता है। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में पार्टी के भीतर काफी असंतोष है और हमें इस गुटबाजी और असंतोष से बाहर आना होगा तभी हम कांग्रेस सरकार का मुकाबला कर पाएंगे। गौड़ा ने यह भी मांग की थी कि राज्य में स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति की जानी चाहिए।

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इन सारी चर्चाओं का जवाब बीवाई विजयेंद्र ने दिया और कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों की वजह से दिल्ली गए थे। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अच्छा काम किया है। पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल में छोटे-मोटे मतभेद होना स्वाभाविक है।

जल्द करना है प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव

बताना होगा कि पार्टी को कर्नाटक में जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करना है। मई, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने विजयेंद्र को पार्टी का अध्यक्ष बनाया था लेकिन इससे पार्टी के कई नेता नाराज हो गए थे। इन नेताओं में यतनाल, बसवराज बोम्मई, शोभा करंदलाजे और सीटी रवि जैसे वरिष्ठ नेता भी हैं।

गुटबाजी की खबरों के बाद हाल ही में केंद्रीय नेतृत्व ने बागी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को पार्टी से बाहर कर दिया था। यतनाल को पार्टी से बाहर करने के बाद बीजेपी ने संकेत दिया था कि वह विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बनाए रखना चाहती है लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता को लेकर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं।

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लिंगायत समुदाय का रखना होगा ध्यान

कर्नाटक बीजेपी में कुछ नेता मानते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व के लिए विजयेंद्र को हटाना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि इस वजह से कर्नाटक में पार्टी को अपने भरोसेमंद समर्थक माने जाने वाले लिंगायत समुदाय की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। विजयेंद्र इसी समुदाय से आते हैं।

देखना होगा कि क्या बीजेपी नेतृत्व कर्नाटक के संगठन में बदलाव करेगा या फिर विजयेंद्र ही अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे?

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