संसद का शीतकालीन सत्र शनिवार को अलग-अलग मुद्दों पर केन्द्रित रहा। लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा विपक्ष की ओर से ‘मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव’ के मुद्दे पर रही। जिसे लेकर विपक्ष के नेता भारतीय जनता पार्टी (BJP) को घेरते नज़र आए। संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने पर बहस के दौरान विशेष लोकसभा सत्र को संबोधित करते हुए DMK, कांग्रेस आईएनसी, एआईएमआईएम, समाजवादी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) सहित अलग-अलग दलों के नेताओं ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर संविधान की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
किस दल ने क्या कहा?
डीएमके के ए राजा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि ‘मुझे एक ऐसा अवसर बताइए जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और हिंदू महासभा ने संविधान बनाने में योगदान दिया हो।’ डीएमके के ए राजा ने गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा,”क्या यह सच नहीं है कि संवैधानिक व्यवस्था के पद पर दूसरे नंबर पर बैठे गृह मंत्री अमित शाह ने एक सरकारी समारोह में खुलेआम कहा कि उन्होंने कहा कि ‘हम संविधान के मूल ढांचे को बदलना चाहते हैं’? क्या यह सच नहीं है कि भाजपा के उपाध्यक्ष ने चुनाव से पहले एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘अगर हमें 400 सीटें मिलीं तो हम संविधान बदल देंगे’?”
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह देखना होगा कि नई जनगणना के बाद परिसीमन की प्रक्रिया से मुसलमानों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व के संदर्भ में और हाशिए पर धकेला जाएगा या नहीं, जो पिछले 75 सालों से हो रहा है। उन्होंने कहा, “मैं उन अधिकारों को सामने रखूंगा और हम देखेंगे कि समाज के कमज़ोर वर्गों को न्याय मिला या नहीं। ओवैसी ने कहा, “ऐतिहासिक अन्याय के लिए आरक्षण दिया गया था, लेकिन मुसलमानों को नहीं दिया गया, जिन्होंने भी कई अन्याय झेले हैं।” ओवैसी ने मस्जिदों के सर्वे से जुड़े मुद्द पर भी कई बातें कहीं। वह मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर भी बोलते नजर आए।
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव उर्फ राजेश रंजन ने एक बच्चे के माता-पिता का मुद्दा उठाया, जिसने अपना गुल्लक तोड़कर राहुल गांधी की न्याय यात्रा में दान कर दिया। उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई के कारण बच्चे के माता-पिता ने आत्महत्या कर ली।
किशनगंज से कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा, “मैं एक मुसलमान हूं और इस बात पर गर्व है। हम भारत के संविधान को उपहार में देने के लिए बीआर अंबेडकर के प्रति बहुत आभारी हैं, जिससे सुरक्षा का एहसास होता है।” मोहम्मद जावेद ने आगे कहा कि पिछले दस वर्षों की मौजूदा सरकार के तहत, मेरे समुदाय पर किए गए अन्याय असहनीय हैं। हमारे लोगों को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, हमें लिंचिंग और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है।