S Jaishankar Statement: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से एक कार्यक्रम में पूछे गए सवाल का मजाकिया जवाब काफी वायरल हो गया है। विदेश मंत्री से सवाल किया गया कि वह उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन और हंगरी व अमेरिका के कारोबारी जॉर्ज सोरोस में से किसके साथ डिनर करना पसंद करेंगे। उन्होंने इसका जवाब काफी चतुराई से दिया। उन्होंने कहा, ‘अभी नवरात्रि का समय चल रहा है। मैं उपवास करना पसंद करूंगा।’
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में एक पत्रकार ने उन्हें एक विकल्प देते हुए कहा, ‘मैं आपको दो विकल्प देता हूं। आपको उनमें से किसी एक को चुनना होगा और आपको चुनना ही होगा। जीतने पर कोई ईनाम नहीं है। तो पहला सवाल यह है कि आप किस व्यक्ति के साथ डिनर करना चाहेंगे किम जोंग उन या जॉर्ज सोरोस?’ जयशंकर ने हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया, ‘मुझे लगता है कि यह नवरात्रि है, और मैं उपवास करना पसंद करूंगा।’ उनके इस जवाब के बाद में सभी दर्शक हंसने लगे।
जयशंकर तीखे सवालों के जवाब के लिए जाने जाते हैं- एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर वैश्विक मंच पर तीखे सवालों को जवाब देने के लिए जाने जाते हैं। यूक्रेन में युद्ध के दौरान भारत रूस से तेल आयात करता था। इस पर पश्चिमी देशों ने नाराजगी जाहिर की थी। इस पर भी उन्होंने आलोचकों को करारा जवाब दिया था। बता दें कि जॉर्ज सोरोस पीएम नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्होंने भारत के लोकतंत्र और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे।
जयशंकर ने कहा, ‘अभी भी ऐसे लोग हैं जो मानते हैं कि उनके विचारों को बाकी सब चीजों पर हावी होना चाहिए।’ उन्होंने नागरिकता छीनने के सोरोस के पिछले दावों को बिल्कुल ही बेतुका बताया और उनकी टिप्पणियों को डराने वाला बताया। जयशंकर ने कहा कि यह सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाता है।
एससीओ की बैठक में भाग लेंगे जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 और 16 अक्टूबर पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेंगे। उन्होंने पाकिस्तानी यात्रा को लेकर अपनी स्थिति साफ की है। उन्होंने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘यह यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं।’ यह 9 सालों में पहली बार होगा जब कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेगा, जबकि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं।