26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के पीछे कई किसान नेता सीधे सीधे दीप सिद्धू का नाम ले रहे हैं। किसान नेताओं का आरोप है कि दीप सिद्धू ने जानबूझ कर ऐसी हरकत की ताकि किसान आंदोलन को बदनाम किया जा सके। इसी क्रम में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए ट्विटर पर पूछा है कि आखिर दीप सिद्धू पर क्यों मेहरबान है पुलिस। हालाँकि दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर कई लोगों ने उनसे ही 84 के दंगों पर सवाल पूछने शुरू कर दिए ।
लाल किले पर हुई हिंसा में दीप सिद्धू का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आख़िर दिल्ली पुलिस को दीप सिद्धू के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करनी पड़ी। साथ ही दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर सवाल करते हुए यह पूछा कि आखिर इस व्यक्ति को ट्रैक्टर ले कर लाल क़िले तक दिल्ली पुलिस ने आने क्यों दिया? लाल क़िले पर झंडा क्यों फ़हराने दिया? जो पुलिस बॉर्डर पर किसानों पर बेरहमी से डंडे बरसा रही थी वह दीप सिद्धू पर इतनी मेहरबान क्यों? क्या गृह मंत्री जी दिल्ली पुलिस को इसके लिए उत्तरदायी मानती है? क्या दीप सिद्धू किसी किसान संगठनों से जुड़ा रहा है?
कांग्रेस नेता के इस ट्वीट पर कई लोगों ने उनसे ही सवाल पूछने शुरू कर दिए। एक यूजर ने भाजपा का बचाव करते हुए कहा कि भाजपा सरकार अपने लोगों पर कभी भी गोलियां नहीं दागती है। लेकिन कांग्रेस ने 1984 में 4000 सिखों की हत्या की है जोकि इसी देश के नागरिक थे। साथ ही उस यूजर ने यह भी लिखा है कि एक परिवार की चाटुकारिता करने लोग इसको नहीं समझेंगे।
इसके अलावा संदीप भारद्वाज नाम के यूजर ने दिग्विजय सिंह को जवाब देते हुए लिखा कि आप लोगों को बधाई देनी चाहिए सरकार व दिल्ली पुलिस को कि रात को 1बजे सोए हुए लोगों पर पुलिस नहीं चढ़ाई। जैसा आप लोगों ने रामदेव जी के आंदोलन में किया था।आप लोगों के मुंह से न्याय शब्द ही अन्याय लगता है।84 दंगे, भोपाल गैस त्रासदी ….एक लम्बी लिस्ट है । वहीँ अमित नाम के एक यूजर ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ अलगाववादी नेता यासिर मलिक की फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि क्या यासिर मलिक प्रधानमंत्री का आदमी है ?