Student Questioned to Gaurav Bhatia: साल 2014 के बाद से देश में कई स्मारकों जगहों का नाम बदलने का प्रचलन दिखाई दिया। जो देश का एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी चुनावों के वक्त बना। जगहों के नाम बदलने का सिलसिला सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में देखने को मिला. ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुगलकालीन के समय रखे गए नामों को बदला गया। वहीं, आजतक न्यूज चैनल के डिबेट शो में बीजेपी प्रवक्ता से एक स्टूडेंट ने जगहों के नाम बदलने पर सवाल किया। इस सवाल के जवाब में गौरव भाटिया ने जवाब दिया कि औरंगजेब हमारे आदर्श नहीं थे।
दरअसल, आजतक न्यूज चैनल के एक डिबेट शो के दौरान वहां मौजूद एक स्टूडेंट ने बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया से बेरोजगारी से लेकर जगहों के नाम बदलने तक सवाल पूछा। स्टूडेंट ने गौरव भाटिया से पूछा कि जगहों के नाम बदलने से क्या बेरोजगारी कम हो गई? विकास हो गया? महंगाई कम हुई? सारे मुद्दे जस के तस है। केवल हिंदू और मुस्लिम हो रहा है। इस पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा जवाब दिया और कहा, औरंगजेब हमारे आदर्श नहीं थे। उन्होंने कहा डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम हर भारतीय के दिल में रहते थे। मैं इनको हिंदू-मुस्लिम में नहीं बाटूंगा।
आरजेडी प्रवक्ता ने बीजेपी पर कसा तंज
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आगे कहा कि जब जगहों के नाम बदले जाते है तो ये जो हमारी विरासत है उसको हम पहचाने, आदर्श माने और नेता जी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, एपीजे अब्दुल कलाम आप लोगों के आदर्श बने। वहीं, गौरव भाटिया के जवाब देने के बीच में आरजेडी प्रवक्ता मुत्युंजय तिवारी ने रोकटोक किया। आरजेडी प्रवक्ता ने नाम बदलने के मुद्दे पर बीजेपी पर तंज किया और कहा कि अब से बीजेपी का नाम बदला जाए। जिसका नाम भारतीय जनता पार्टी की जगह भारतीय जलाओ पार्टी रखा जाना चाहिए।
यूपी में इन जगहों का बदला गया नाम
नाम बदलने की शुरुआत देश की राजधानी दिल्ली से हुई और लुटियंस ज़ोन की पॉश सड़क औरंगजेब रोड का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कर दिया गया। वाराणसी के नजदीक बने मशहूर मुगल सराय स्टेशन अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना जाता है। फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया गया। साथ ही फैजाबाद रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर अयोध्या कैंट कर दिया गया है।