महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर विवादों में है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने उन पर अंगुली उठाई है। आम्रपाली ग्रुप (बिल्डर्स) के साथ गड़बड़झाले में उनकी पत्नी का भी नाम आया है। यह जिक्र सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिखे गए फैसले में आया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई, 2019) को यह फैसला सुनाया है।
270 पेज के फैसले में फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट का सार भी पेश किया गया है। यह पेज नंबर 70 से शुरू होता है। पेज नंबर 81 से उन कंपनियों का ब्योरा है, जिन्हें सिर्फ और सिर्फ पैसा इधर-उधर करने के मकसद से बनाया गया। इसे फॉरेंसिंक ऑडिट रिपोर्ट के सातवें प्वाइंट में कवर किया गया है। इस प्वाइंट में नौवें नंबर पर जिस कंपनी का नाम दिया गया है, वह है आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड।
फैसले में ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से लिखा गया है कि इस कंपनी ने शेयर पूंजी का पैसा नकद लिया और सारे खर्च का भुगतान भी सिर्फ नकद में ही किया गया। साक्षी धोनी इस कंपनी की डायरेक्टर थीं। उनके पति महेंद्र सिंह धोनी इसके ब्रांड एंबेसेडर थे। उन्होंने आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट्स के प्रचार के लिए कई लेनदेन किए। ग्रुप की दूसरी कंपनी के साथ भी उन्होंने करार किया।
सुप्रीम कोर्ट ने में जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आम्रपाली ग्रुप द्वारा खरीददारों से जुटाए पैसों का गलत इस्तेमाल और मनी लाउंडरिंग से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ईडी को जांच पर प्रगति रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है। साथ ही, पुलिस जांच की अब तक की स्थिति से भी अदालत को अवगत कराने के लिए कहा है।
फॉरेंसिक ऑडिटर पवन कुमार अग्रवाल और रवींद्र भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट को जो रिपोर्ट दी है, उसमें कहा गया है कि आम्रपाली ग्रुप ने रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ फर्जी करार किए।
रीति में महेंद्र सिंह धोनी (जिन्हें फैंस माही भी बुलाते हैं) की बड़ी हिससेदारी है। वह अप्रैल 2016 तक आम्रपाली के ब्रांड एंबेसेडर थे। बताया जाता है कि रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को प्रोफेशनल चार्ज और विज्ञापन खर्च आदि के मद में 24 करोड़ रुपए दिए गए। 2009-15 के बीच इस कंपनी ने आम्रपाली ग्रुप से 42.22 करोड़ रुपए लिए। यह साफ नहीं है कि इतनी बड़ी रकम किस लिए दी गई। यह भी कहा गया है कि संबंधित करार सादे पन्ने पर किया गया था।