Dhananjay Munde Beed Case: महाराष्ट्र के बीड़ में सरपंच की हत्या के आरोपों के बाद शुरू हुआ राजनीतिक बवाल इतना ज्यादा बढ़ गया कि धनंजय मुंडे को महाराष्ट्र की कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा। इसे लेकर धनंजय मुंडे की चचेरी बहन और महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे का बड़ा बयान सामने आया है। पंकजा मुंडे ने मंगलवार को नागपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘सबसे पहले तो उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल ही नहीं किया जाना चाहिए था। कम से कम इस परेशानी और अपमान से तो वह बच जाते।’
पंकजा मुंडे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्हें बहुत पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। लेकिन देर आए, दुरुस्त आए। जांच चल रही है। जो लोग जांच कर रहे हैं, उन्हें पता होगा कि इसमें कौन और किस हद तक शामिल है।’
पकंजा मुंडे ने कहा कि वह धनजंय मुंडे के इस्तीफा देने के फैसले का स्वागत करती हैं। पंकजा ने कहा, ‘मैं पहली शख्स थी जिसने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बीड़ में सरपंच की हत्या की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की थी। छोटी बहन होने के नाते मुझे दुख हुआ कि धनंजय को परेशानी से गुजरना पड़ा। लेकिन मेरा सवाल यह है कि ऊपर बैठे लोगों ने उन्हें मंत्री बनाने का फैसला क्यों किया?’
सरपंच की हत्या के 5 दिन बाद ली थी शपथ
बीजेपी, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने मिलकर पिछले साल दिसंबर में महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। 14 दिसंबर को नई सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हुआ था इसमें धनंजय मुंडे के साथ ही 38 अन्य नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। मंत्रियों का यह शपथ ग्रहण कार्यक्रम सरपंच की हत्या के 5 दिन बाद हुआ था।
सरपंच की हत्या के इस मामले में धनंजय मुंडे के नजदीकी वाल्मीक कराड को आरोपी बनाया गया है। सरपंच का अपहरण किया गया था, उन पर जुल्म किए गए थे और उनकी हत्या कर दी गई थी।
क्या है संतोष देशमुख हत्याकांड जिसने छीन लिया धनंजय मुंडे का मंत्री पद?
जातीय नफरत न फैलाएं- पंकजा मुंडे
पंकजा मुंडे ने मांग की है कि सरपंच की हत्या में शामिल सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस हत्या में शामिल थे और इस वजह से पूरे समुदाय का सिर नीचा हुआ है। पंकजा मुंडे ने अपील की की इस अपराध को जातीय नजरिए से ना देखा जाए। संतोष देशमुख मराठा समुदाय से थे और हत्या के मामले में आरोपी वंजारी घुमंतू जनजाति से हैं। यह जाति ओबीसी समुदाय में आने वाली एक उपजाति है। पंकजा मुंडे ने कहा कि दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे के खिलाफ नफरत ना फैलाएं।
‘महायुति में कोई विवाद नहीं’, सीएम फडणवीस बोले- सभी सहयोगी एकजुट होकर काम कर रहे
संतोष देशमुख मासाजोग गांव के सरपंच थे। उनकी हत्या के मामले में मुंडे के करीबी वाल्मीक कराड का नाम सामने आने के बाद विपक्ष ने निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। 9 दिसंबर को दिनदहाड़े संतोष देशमुख का अपहरण हुआ था। उन्हें काली स्कॉर्पियो में बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। उनके शव को सड़क किनारे फेंक दिया गया था।
अचानक GTB अस्पताल पहुंचीं CM रेखा गुप्ता, गोदाम देख रह गईं दंग, क्लिक कर जानिए क्या बोलीं?