आगरा की एक-तिहाई जनसंख्या दलित समुदाय से आती है, इसके बावजूद भाजपा अपनी धम्म चेतना यात्रा में 500 दलित समर्थकों को भी नहीं जुटा सकी। रविवार को उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने यात्रा का आगरा में स्वागत किया। हालांकि सपा और बसपा दोनों पर हमला बोलते हुए मौर्य ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में दलितों के लिए उम्मीद की इकलौती किरण भाजपा ही है। स्वागत कार्यक्रम पहले शहर के सबसे बड़े मैदानों में से एक पर होना था, मगर पार्टी के 50,000 समर्थकों को एक जगह इकट्ठा करने में अक्षमता जताने के बाद उसे सरस्वती शिशु मंदिर शिफ्ट कर दिया गया। पहले के कार्यक्रम के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी कार्यक्रम को संबोधित करना था। नए कार्यक्रम स्थल पर भी, भाजपा सदस्य कमला नगर एरिया में स्थित छोटे से स्कूल का हॉल तक नहीं भर सके। कमला नगर में रहने वाले एक स्थानीय नागरिक जिसने कार्यक्रम में हिस्सा लिया, के अनुसार, ”यह देखकर चौंक गया कि हॉल में मौजूद ज्यादातर लोग भिक्षु या बीजेपी कार्यकर्ता थे। उन्होंने सड़क पर रहने वाले बच्चों और भिखारियों को भी कार्यक्रम स्थल पर बुला लिया।”
जहां पार्टी कार्यकर्ता सेल्फी लेने में व्यस्त रहे, मौके पर मौजूद भिक्षु या तो सो रहे थे, या फिर उन्हें राजनेताओं के भाषण में कोई दिलचस्पी नहीं थी। एक समय तो, आगरा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को पार्टी कार्यकर्ताओं से ‘पिन ड्रॉप साइलेंस’ बनाए रखने की अपील करनी पड़ी। उन्होंने मंंच से ही घोषणा की, ”एक दम आवाज न आए। जो जहां खड़ा है, वहीं खड़ा रहे।”
करीब 400 लोगों की सभा को संबोधित करते हुए यूपी बीजेपी के चीफ ने कहा, ”यह भाजपा ही है जिसने मध्य प्रदेश में अंबेडकर के गांव को स्वर्ग में बदल दिया है। यह मोदी है जो किसी भी देश में जाते हैं तो बौद्ध मंदिरों में जाना नहीं भूलते।” राज्य में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ”मुझे अफसोस है कि जहां मेरा देश तरक्की कर रहा है, वहीं मेरा प्रदेश पिछड़ रहा है।”