ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने जायडस कैडिला की दवा को वयस्कों पर इमरजेंसी उपयोग को मंजूरी दे दी है। कुछ ही दिन पहले फर्मा कंपनी ने डीजीसीआई से कोरोना के खिलाफ अपनी दवाई को मंजूरी देने की अपील की थी। बताते चलें कि कंपनी की तरफ से Pegylated Interferon alpha-2b, ‘Virafin’ का निर्माण किया गया है। कंपनी की तरफ से दावा किया गया है कि विराफिन का उपयोग कोरोना से लड़ने में काफी मददगार है।

खबरों के अनुसार दवा को लेकर कंपनी की तरफ से कहा गया है कि इसके खाने के 7 दिन बाद मरीजों के RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आ गए और ऐसा 90 प्रतिशत से अधिक मरीजों के साथ हुआ। फर्मा कंपनी की तरफ से कहा गया है कि ये दवा 18 साल से अधिक उम्र के लोगों पर अधिक असरदार साबित होगा जिनमें हल्के लक्षण पाए जाते हैं। पिछले हफ्ते कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि अगर दवा को बीमारी के शुरू में ही मरीजों को दे दिया जाए तो उसे जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है। साथ ही इस दवा के जरिए कोरोना के एडवांस स्टेज में होने वाली जटिलताओं से भी बचा जा सकता है।

कैडिला हेल्थ की तरफ से कहा गया है कि Pegylated Interferon alpha-2b कई साल से क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के मरीजों में मल्टीपल डोज के साथ सुरक्षित साबित हुई है।

फर्मा कंपनी की तरफ से दवा को लेकर यह भी कहा गया है कि Pegylated Interferon Alpha 2b या PegiHep सिंगल डोज दवा है। सिंगल डोज दवा होने से मरीजों के लिए इलाज कम बोझिल और ज्यादा किफायती होगा।

कैडिला हेल्थकेयर के श्रविल पटेल ने कहा हम Pegylated Interferon Alpha 2b के तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजों से उत्साहित हैं। गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में कंपनी को DGCI की तरफ से तीसरे चरण के मानव परीक्षण शुरु करने की इजाजत मिली थी।