महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे, यह लगभग तय हो चुका है। एकनाथ शिंदे और अजित पवार डिप्टी सीएम बनने जा रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भाजपा के बड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने फडणवीस के नाम को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी मंजूरी दे दी है।

भाजपा के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि सीएम के लिए फडणवीस के नाम को मंजूरी दे दी गई है। महायुति के अन्य सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस के अलावा, शिवसेना और एनसीपी दोनों के पास एक-एक उपमुख्यमंत्री होगा।

एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बनेंगे

मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री बनाए जान की संभावना है। पिछले 36 घंटों से एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ बातचीत कर रहे थे। एक सूत्र ने कहा कि शिवसेना को करीब 12 मंत्री पद मिल सकते हैं और कुछ प्रमुख विभाग दिए जा सकते हैं। एनसीपी को भी करीब 10 मंत्री पद मिलने की बात कही जा रही है। महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद के लिए संख्या सीमा 43 है, जिसमें सीएम भी शामिल हैं। 132 विधायकों वाली भाजपा के पास 21 मंत्री पद होने की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक गृह, वित्त, शहरी विकास और राजस्व के टॉप चार विभाग जिन्हें भाजपा अपने पास रखना चाहती थी, अब गठबंधन सहयोगियों के साथ साझा किए जाएंगे। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार भाजपा गृह और वित्त पर जोर दे सकती है। हालांकि सूत्रों के अनुसार मंत्री पदों और विभागों की संख्या पर कुछ अंतिम समय की बातचीत अभी भी जारी है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज शाम एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ दिल्ली में एक बैठक करेंगे। जिसके बाद घोषणा की उम्मीद है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने सहयोगियों को आश्वासन दिया है कि वह पार्टी के हितों को बरकरार रखते हुए उनकी चिंताओं को ध्यान रखेंगे।

इससे पहले 2014 में देवेंद्र फडणवीस सीएम बने थे और पांच साल का कार्यकाल भी पूरा किया। उस समय भाजपा तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन में थी। 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा ने अजित पवार से हाथ मिला लिया।

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फडणवीस ने सीएम और पवार ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली, लेकिन सरकार लगभग 80 घंटे ही चली क्योंकि अजित अपने चाचा और वर्तमान एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के पास वापस चले गए। यहां पढ़िए महाराष्ट्र के सियासी माहौल से जुड़ी खबरें…