साल 2017 में हुए उत्तप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर सीट से चुनाव जीत कर विधायक बनी अदिति सिंह ने पिछले कुछ समय से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिया है। उनके भाजपा में जाने की अटकलें भी कई बार लग चुकी हैं। उत्तरप्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर चुनाव में भी उन्होंने एक बार फिर से बगावती तेवर अपनाते हुए कांग्रेस पार्टी के द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने के बाद भी वोट डाला।

दरअसल सोमवार को उत्तरप्रदेश विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के लिए मतदान कराया गया। कांग्रेस ने इस चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। लेकिन इसके बावजूद रायबरेली सदर सीट से विधायक अदिति सिंह पार्टी लाइन को तोड़कर मतदान करने पहुंची। विधायक अदिति सिंह के द्वारा वोट दिए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

विधायक अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह भी रायबरेली सदर सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। वे कांग्रेस के टिकट पर भी कई बार विधायक बने थे लेकिन बाद में संबंध ख़राब होने पर उन्होंने कांग्रेस की राह छोड़ दी थी। साल 2019 में अखिलेश सिंह के निधन के बाद से ही अदिति सिंह ने कांग्रेस से अपने आप को अलग कर लिया है। इतना ही नहीं कई मौके पर वो खुलकर कांग्रेस के खिलाफ बोल चुकी हैं।

कांग्रेस के खिलाफ खुलकर बोलने की वजह से ही उनके भाजपा में जाने की कई बार अटकलें लग चुकी हैं। हालांकि इस पर अदिति सिंह ने कभी भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अदिति सिंह के पति अंगद सिंह भी पंजाब से कांग्रेस विधायक हैं। दोनों की शादी नवंबर 2019 में हुई थी। दोनों 2017 में ही पहली बार विधायक बने हैं।

सोमवार को हुए उत्तरप्रदेश विधानसभा डिप्टी स्पीकर चुनाव में भाजपा समर्थित नितिन अग्रवाल ने बाजी मारी। नितिन अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी के विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा को करारी शिकस्त दी। कुल पड़े 368 वोट में से नितिन अग्रवाल को 304 और नरेन्द्र सिंह वर्मा को 60 वोट मिले। बाकी के चार मतों को अवैध घोषित कर दिया गया।