इतालवी नौसैनिक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह केरल के तटीय इलाके में (साल 2012 में) इतावली नौसिनकों के हमले में मारे गए मछुआरों के परिजन को मुआवजे की रकम के रूप में 10 करोड़ रुपए फौरन ट्रांसफर करे, जो कि इटली की सरकार केंद्र को पहले ही मुहैया करा चुकी है।
केंद्र ने इससे पहले दिन में टॉप कोर्ट को मुआवजे के बारे में जानकारी दी थी। सरकार के मुताबिक, मारे जा चुके दो मछुआरों के परिजन को चार-चार करोड़ रुपए दिए जाने हैं, जबकि नाव के मालिक जो कि घायल हुआ था, उसे दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की बेंच ने कहा कि अदालत मुआवजे की राशि मछुआरों के परिजनों को दे देगी। बेंच आगे बोली कि खाते में मुआवजा राशि जमा कराने के एक सप्ताह बाद अदालत इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले को बंद करने के लिए केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी।
फरवरी 2012 में भारत ने दो इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे पर भारत के एक्सक्लूसिव इकोनोमिक जोन (ईईजेड) में मछली पकड़ने गए दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था। घटना के वक्त दोनों इतालवी नौसैनिक इटली के झंडा लगे एक टैंकर पोत एमवी एनरिका लेक्सी पर सवार थे।
पिछले साल सात अगस्त को शीर्ष अदालत ने केंद्र से स्पष्ट कर दिया था कि मुआवजे के लिए पीड़ितों के परिवारों को सुने बिना वह दोनों इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले को बंद करने के अनुरोध वाली याचिका पर कोई आदेश जारी नहीं करेगी।
केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि इटली ने भारत सरकार को आश्वस्त किया है कि वह कानून के तहत दोनों नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा चलाएगी और पीड़ितों के परिवारों को अधिकतम मुआवजा दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

