डेंगू के दंश ने शनिवार को एक मासूम को निगल लिया। इस बीच खबर मिली है कि एम्स में भर्ती एक महिला की भी डेंगू से मौत हो गई है। इसके साथ ही अब तक इस बीमारी की चपेट में आने से 30 जिंदगियां खत्म हो चुकी हैं। जबकि अस्पतालों में अभी भी समुचित इंतजाम नहीं हो पाया है। परिजन का आरोप है कि अगर इलाज की सही व्यवस्था होती तो उन्हें अपनी बच्ची से हाथ न धोना पड़ता। राजधानी के तमाम अस्पताल डेंगू के मरीजों से अटे पड़े हैं। जिनको साधारण बुखार भी है वे भी डेंगू के दहशत से भरे हुए हैं। चिकित्सकों ने आगाह किया है कि तमाम पुरानी बीमारियों से घिरे लोगों को डेंगू होने पर खास ध्यान रखने के जरूरत है।
राजधानी में डेंगू की चपेट में आने से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नौ बरस की बच्ची निष्ठा को डेंगू होने की पुष्टि 24 सितंबर को की गई जांच में हुई। परिजनों के मुताबिक निष्ठा को बुखार होने और खून की जांच में डेंगू होने का पता चलने पर नजजीक के पं मदन मोहन मालवीय अस्पताल में दिखाया गया। लेकिन वहां डाक्टरों ने बच्ची को भर्ती करने की बजाय कोई दवा देकर घर भेज दिया। इसके बाद भी उसे आराम नहीं मिला तो साकेत सिटी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उसे वहां भी भर्ती नहीं किया जा सका। बताया गया कि अस्पताल में बिस्तर खाली नहीं है। फिर निष्ठा को नजदीक के ही एक नर्सिंग होम में ले जाया गया। सावन, नीलू, एंजल्स नर्सिंग होम में बिस्तर मिलने से निष्ठा के घबराए मां बाप को थोड़ी चैन मिली लेकिन बीमारी से जूझती बच्ची को इस अस्पताल में भी राहत नहीं मिली।
पहले उसके खून में प्लेटलेट्स का स्तर 96000 था जो घट कर 36000 तक आ गया। एक दिन इलाज होने के बाद भी उसकी हालत में सुधार न होते देख कर यहां के डॉक्टरों ने उसे ऐसे अस्पताल ले जाने को कहा जहां आइसीयू की सुविधा हो। तब इसे दक्षिणी दिल्ली स्थित फोर्टीज अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अब तक बीमारी की मार झेल रही व दर-दर भटकती बच्ची की सांसे और साथ न दे पाई और देर रात फोर्टीज में भर्ती निष्ठा ने दम तोड़ दिया।
बेहाल मां बाप को यही कसक है कि अगर समुचित इलाज जल्दी मिल पाता तो शायद उनकी गोद न उजड़ती। उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता। राजधानी के तमाम अस्पतालों को सर्कुलर जारी कर कहा गया है कि वे युद्ध स्तर पर काम करें। किसी भी डेंगू मरीज को भर्ती करने से मना न करें। राजधानी के तमाम अस्पतालों में डेगू मरीजों का आना जारी है। पिछले चार दिनों मे 1700 से अधिक नए मरीज आ चुके हैं। मच्छरों का प्रजनन भी जारी है। आशंका जाताई जा रही है कि जल जमाव से लार्वा पनपने के चलते अगले 10 -15 दिनों में आने वाले मरीजों की तादात बढ़ सकती है। लोगों से एहतियाती कदम उठाने की अपील की जा रही है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद मरीजों का आना थम नहीं रहा है।
गाजियाबाद में दो की मौत:
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिलें में डेंगू से शनिवार को 20 साल की एक लड़की की मौत हो गई। शहर में एक और महिला की मौत हुई है जिसके डेंगू के वायरस से संक्रमित होने का संदेह है। साहिबाबाद इलाके के शालीमार गार्डन स्थित श्रेया अस्पताल में हिना की मौत सुबह हुई। चिकित्सकों का कहना है कि लड़की के अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिसके बाद उसकी मौत हो गई। उसे आठ दिन पहले भर्ती कराया गया था।
सहायक पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि लड़की के भाई करीम खान ने आरोप लगाया कि खराब उपचार और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण हिना की मौत हुई। एक अन्य घटना में 42 वर्षीय महिला के घर वालों ने कहा कि उसकी मौत शुक्रवार की रात कोलंबिया एशिया अस्पताल में हुई। शक्ति देवी को पिछले 22 सितंबर को इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।