चुनाव आयोग ने गुरुवार को वित्तमंत्रालय को एक पत्र लिखकर बैंकों में नोट बदलने जा रहे लोगों की उंगुली पर अमित स्याही नहीं लगाने के लिए कहा है। चुनाव आयोग ने चिंता जाहिर की है कि कुछ राज्यों में मतदान होने हैं। यह अमित स्याही उन नागरिकों की अंगुली पर लगाई जाती है, जिन्होंने एक बार वोट डाल दिया हो। ऐसे में यह एक बड़ी समस्या बन सकती है। बता दें, वित्तमंत्रालय ने फैसला किया था, जो लोग बैंकों में पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने जाएंगे, उनकी उंगुली पर अमिट स्याही लगाई जाएगी।

यह फैसला इसलिए लिया गया था, क्योंकि पुराने नोट केवल एक बार ही बदलने की सीमा लगाई गई थी। बाकी के पुराने नोट खाते में जमा कराने थे। कई लोग बार-बार अपने पुराने नोट नए नोटों के साथ बदलवा रहे थे। ऐसे में कई लोगों के तो नोट एक बार भी नहीं बदल पाए। पहले पुराने नोट बदलने की सीमा 4000 रुपए थे, जिसे बढ़ाकर 4500 रुपए कर दी गई थी। इसके बाद गुरुवार को घोषणा की गई कि शुक्रवार से केवल 2000 रुपए के पुराने नोट ही बदल पाएंगे। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा था कि बैंक में काउंटर पर पुराने नोट बदलने वालों की उंगुली पर अमिट स्याही लगाई जाएगी, ताकि लोग दोबारा से आकर भीड़ ना बढ़ाएं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद लोगों को 31 दिसंबर तक पुराने नोट बदलने या अपने अकाउंट में जमा कराने का समय दिया गया था। फैसले के बाद से ही बैंकों के बाहर काफी बड़ी-बड़ी लाइनें देखने को मिल रही हैं। बैंकों के बाहर लगी लंबी लाइनों को लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के इस फैसले पर निशाना भी साधा है। विरोध करने वालों में कांग्रेस पार्टी, बसपा प्रमुख मायावती, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित कई विपक्षी दल शामिल हैं।

मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर संसद में भी हंगामा हो रहा है। इस फैसले को लेकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। राज्यसभा में विपक्षी दलों के नेता पीएम मोदी को सदन में बुलाने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं को कहना है कि जब तक पीएम मोदी राज्यसभा में आकर अपना पक्ष नहीं रखेंगे, वे सदन की कार्यवाही को नहीं चलने देंगे।