मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को यानि की 3 साल पहले नोटबंदी की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में घोषणा कर 500 और 1000 रुपए के नोट अमान्य घोषित कर दिया था। सरकार के इस फैसले के बाद जनता ने बैंक में घंटों लंबी-लंबी लाइनों में लगकर पुराने नोटों को बैंकों में जमा करवाया। नोटबंदी के तीन साल पुरे होने पर ट्विटर पर भी इसकी खूब चर्चा हुई। इस दौरान ट्विटर पर #DeMonetisationDisaster ट्रेंड करने लगा। लोगों ने इस पर खूब मजे लिए।
एक यूजर ने कहा ‘प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के फायदों के लेकर कोई ट्वीट नहीं किया? इतना सन्नाटा क्यों है भाई?’ एक यूजर कहते हैं ‘क्या मोदी आज देश की जनता से नोटबंदी के लिए माफी मांगेगे?’
एक यूजर कहते हैं ‘नोटबंदी भारत के गरीबों पर सीधा हमला था। इसमें 100 से ज्यादा लोगों की जान गई। और इसके लिए किसी को भी सजा नहीं मिली। यह एक घोटाला था।’ एक अन्य यूजर ने नोटबंदी को देश के लिए काला दिन करार दिया।
वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने नोटबंदी के तीन साल पूरे होने के मौके पर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, ‘‘नोटबंदी को तीन साल हो गए। सरकार और इसके नीम-हकीमों द्वारा किए गए, ‘नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज’ के सारे दावे एक-एक करके धराशायी हो गए। नोटबंदी एक आपदा साबित हुई जिसने हमारी अर्थव्यवस्था बर्बाद कर दी। इस ‘तुगलकी’ कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा?’’
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नोटबंदी को ‘‘आतंकी हमला’’ करार देते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को अब तक सजा नहीं मिली है। उन्होंने हैशटैग ‘डीमोनेटाइजेशन डिजास्टर’ का उपयोग करते हुए कहा ट्वीट किया, ‘‘नोटबंदी आतंकी हमले को तीन साल गुजर गए हैं जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया, कई लोगों की जान ले ली, कई छोटे कारोबार खत्म कर दिए और लाखों भारतीयों को बेरोजगार कर दिया।’’