2012 Delhi Gang Rape and Murder Case Convicts Hanging Live News in Hindi: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को 2012 गैंगरेप केस के दोषियों के खिलाफ जारी किए गए डेथ वॉरंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने भी दो दोषियों के फांसी से बचने के पैंतरों पर विराम लगाया। इसी बीच दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि चाहें तो दोषियों को भारत-पाकिस्तान की सीमा पर भेज दिया जाए, चाहे उन्हें डोकलाम भेज दें, लेकिन उन्हें फांसी मत दीजिए। वे देश की सेवा करने के लिए तैयार हैं। मैं इस बारे में एफिडेविट भी दायर कर सकता हूं। बता दें कि दोषियों के डेथ वॉरंट के मुताबिक, उन्हें 20 मार्च (शुक्रवार) सुबह 5:30 बजे फांसी होनी है।
इससे पहले एपी सिंह ने पहले पटियाला हाउस कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में दोषियों को बचाने के लिए कई दलीलें दीं। पटियाला हाउस कोर्ट के सामने उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के चलते देश भर में कामकाज पर असर पड़ा है। उन्होंने दोषियों पर चल रहे और उनकी तरफ से दाखिल किए गए उन कई केसों का हवाला दिया, जिन पर अभी सुनवाई पूरी नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि एक दोषी की पत्नी ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है। वहीं, एक दोषी की चुनाव आयोग के खिलाफ याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है। इसके अलावा मानवाधिकार संगठन की तरफ से इस मामले में एक याचिका इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी लंबित है। एपी सिंह ने कहा कि कोरोनावायरस के डर की वजह से सभी जगहें बंद हैं। इसलिए कई केस पेंडिंग हुए हैं।
हालांकि, कोर्ट ने उनकी दलीलें ठुकराते हुए कहा कि डेथ वॉरंट पर रोक लगाने के लिए कोई भी वैध आधार पेश नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि एक दया याचिका खारिज हो जाने के बाद दूसरी दया याचिका लंबित होने पर फांसी की सजा नहीं टाली जा सकती।
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने भी दो दोषियों की अलग-अलग याचिकाओं को ठुकरा दिया। एक दोषी ने मां की थी कि केस से जुड़े सबूत दोबारा खोले जाएं। वहीं एक दोषी ने राष्ट्रपति की तरफ से उसकी दया याचिका खारिज करने के फैसले को ही चुनौती दे डाली थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में दोनों ही दोषियों की याचिका खारिज हो गई।