Weather forecast Today: यमुना का जलस्तर बुधवार शाम से धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया, लेकिन नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, जलस्तर दोपहर बाद दो बजे 206.60 मीटर था, जो शाम के पांच बजे घटकर 206.50 मीटर पर आ गया।एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘जलस्तर में और गिरावट आने की संभावना है क्योंकि हरियाणा ने अब तक बड़ी मात्रा में हथनी कुंड बैराज से पानी नहीं छोड़ा है।’’ शाम 4 बजे हथनी कुंड बैराज से केवल 10,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।नदी सोमवार को खतरे का निशान 205.33 मीटर को पार गई।
इसकी वजह से निचले इलाकों में आयी बाढ़ के कारण वहां रहने वाले 15,000 से अधिक लोगों को विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा स्थापित शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।बुधवार को इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राहत सामग्री की कमी न हो।उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि पुराने यमुना पुल (लोहे वाला पुल) पर ट्रेनों की आवाजाही मंगलवार रात को अस्थायी रूप से बंद कर दी गई और ट्रेनों का मार्ग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से होकर परिर्वितत किया गया।दिल्ली के अधिकारियों ने यमुना पर लोहे वाले पुल को पहले ही यातायात के लिए बंद कर दिया था।
यमुना का जलस्तर बुधवार शाम से धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया, लेकिन नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, जलस्तर दोपहर बाद दो बजे 206.60 मीटर था, जो शाम के पांच बजे घटकर 206.50 मीटर पर आ गया।एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘जलस्तर में और गिरावट आने की संभावना है क्योंकि हरियाणा ने अब तक बड़ी मात्रा में हथनी कुंड बैराज से पानी नहीं छोड़ा है।’’ शाम 4 बजे हथनी कुंड बैराज से केवल 10,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन से अवरूद्ध हुई कई सड़कों को यातायात के लिए बुधवार को खोल दिया गया। हालांकि, मनाली-लेह राजमार्ग पर यातायात अब भी अवरूद्ध है। पुलिस ने यह जानकारी दी। कुल्लू के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि कुल्लू-मनाली मार्ग पर पटलीकुहल से मनाली तक सिर्फ हल्के वाहनों के आवागमन की इजाजत दी गई है क्योंकि ग्रीन टैक्स बैरियर के पास सड़क अभी भी क्षतिग्रस्त है। हालांकि, पटलीकुहल से नग्गर होते हुए जाने वाली सड़क को भारी वाहनों के लिए भी खोल दिया गया है। सिंह ने बताया कि मनाली में गुलाबा के पास बंता मोड़ रोड और कुल्लू-अन्नी रोड को सिर्फ हल्के वाहनों के लिए खोला गया है। कुल्लू-अन्नी रोड सौझा के पास बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है।
उन्होंने बताया कि मनाली और रोहतांग के बीच मढ़ी में फिर से हुए भूस्खलन के चलते मनाली-लेह राजमार्ग पर यातायात अवरूद्ध है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंविद केजरीवाल ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और कहा कि अगर कोई ‘‘कमी’’ पड़ी तो सरकार राहत सामग्री उपलब्ध कराएगी।
यमुना नदी के निचले इलाकों के डूबने के बाद नदी के मैदानी हिस्से में रह रहे 15,000 से अधिक लोगों को विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा लगाए शिविरों में भेज दिया गया है।
यमुना बुधवार को भी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। हालांकि, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कहा कि जल का स्तर कई घंटों से 206.60 मीटर पर स्थिर है और इसके कम होने की संभावना है।केजरीवाल ने उस्मानपुर इलाके में लगाए शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की।
सेना के हेलीकॉप्टरों ने बुधवार को पंजाब के जालंधर जिले के बाढ़ प्रभावित गाँवों में भोजन के पैकेट गिराए।एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 36,000 परांठे के पैकेट, सूखे राशन के 18,000 पैकेट और पानी की बोतलों को बुधवार सुबह जालंधर छावनी ले जाया गया। उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की देखरेख में इसे सेना के छह हेलीकॉप्टरों में लोड किया गया।
बाद में, सेना के हेलीकॉप्टरों ने चाक बडाला, जनिया, जनिया चहल, मेहराजवाला, गट्टा मुंडी कासु, मुंडी कासू, मुंडी शेहरिया, मुंडी चोहलियां, कांग खुर्द, जलालपुर, थेह खुशहालगढ़, गत्ती रायपुर, कोठा, फतेहपुर भगवान समेत शाहकोट उप-मंडल के बुरी तरह प्रभावित कई गांवों में खाद्य सामग्रियों के पैकेट गिराए।
पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर वर्षा हुई। इस दौरान मऊ में 13 सेंटीमीटर, हैदरगढ़ में 12, मिर्जापुर में नौ, दुद्धी और रायबरेली में छह-छह, ज्ञानपुर, हर्रैया, फुरसतगंज और सोरांव में पांच-पांच सेंटीमीटर, जौनपुर, इलाहाबाद, बनी और बरेली में चार-चार सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
फर्रुखाबाद, बलिया, जालौन और लखीमपुर खीरी से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक प्रभावित इलाकों में बाढ़ की वजह से बड़ी संख्या में गांव पानी से घिर गए हैं। इसके अलावा सैकड़ों हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई है। इस बीच, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में ज्यादातर स्थानों पर बारिश की सम्भावना जताई है। इससे बाढ़ के हालात बदतर होने की आशंका पैदा हो गई है।
नरौरा, फर्रुखाबाद और गाजीपुर में यह लाल चिह्न के नजदीक बह रही है। यमुना नदी मावी में खतरे के निशान को पार कर गई है। जबकि कालपी और हमीरपुर में इसका जलस्तर लाल चिह्न के करीब पहुंच गया है। जबकि शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान को पार कर गई है।
उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और शारदा समेत विभिन्न नदियां खतरे के निशान को पार कर गई है। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा, यमुना और शारदा नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी कछला ब्रिज (बदायूं) के बाद अब बलिया में भी खतरे के निशान को पार कर गई है।
राजधानी दिल्ली में बुधवार सुबह आसमान में बादल छाए रहे और मौसम ठंडा रहा। यहां का न्यूनतम तापमान औसत तापमान से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में शहर में कहीं-कहीं बारिश भी हुई है। मौसम विभाग ने सामान्य तौर पर आकाश में बादल छाए रहने और हल्की बारिश का पूर्वानुमान लगाया। सापेक्षिक आर्द्रता सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर 82 फीसदी दर्ज किया गया। दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तरी राज्यों में भारी वर्षा के कारण कम से कम 38 लोगों की मौत हो चुकी है और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में अनेक स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं तथा पंजाब एवं हरियाणा में बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।
मौसम विभाग ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से कई राज्यों में भारी वर्षा हो रही है और आने वाले दिनों में इसमें कमी आने की संभावना है। बाढ़ प्रभावित राज्यों को राज्य आपदा मोचन निधि से उपलब्ध जरूरी वित्तीय सहायता देने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की जिसमें हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की गई।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई।