उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। पार्षद के खिलाफ यह एफआईआर दयालपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। उनपर आईपीसी की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। हुसैन की करावल नगर स्थित पांच मंजिला एक बिल्डिंग की छत पर कई क्विंटल पत्थर, एसिड और पेट्रोल बम की बोतलें और गुलेल मिलने की खबरें सामने आई हैं। जिसके बाद पुलिस ने उनप यह कार्रवाई की है।
हुसैन पर दंगों में संलिप्तता के तो आरोप हैं इसके साथ ही उनपर इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कर्मी अंकित शर्मा की मौत पर भी शक के घेरे में हैं। शर्मा मंगलवार को लापता हो गए थे। बुधवार को उनका शव उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित चांद बाग इलाके में उनके घर के पास एक नाले से मिला था। शर्मा के परिजनों ने दावा किया कि उनकी हत्या के पीछे स्थानीय पार्षद और उसके साथियों का हाथ है।
दिल्ली की राजनीति में ताहिर हुसैन भले ही कोई बड़ा नाम ना हों लेकिन पूर्वोत्तर दिल्ली के शाहदरा, नेहरू नगर और चांद बांग इलाकों में उनकी गहरी पैठ बताई जाती है। वह वार्ड संख्या 59 नेहरू विहार के निगम पार्षद हैं। हालांकि उन्होंने इन दोनों में ही अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
वहीं ताहिर हुसैन पर दंगों में संलिप्त होने के आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर दंगों में शामिल लोग आप से जुड़े पाये जाते हैं तो उन्हें दोगुनी सजा दी जाए। वहीं वरिष्ठ आप नेता संजय सिंह और गोपाल राय ने कहा कि हिंसा पर पार्टी का रुख स्पष्ट है कि इसे फैलाने से जुड़े किसी भी व्यक्ति को सख्त सजा दी जानी चाहिए।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थक और विरोधी समूहों के बीच तीन दिन पहले हुई झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया। इसमें 38 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए।
