दिल्ली-यूपी सीमा स्थित गाजीपुर में 383 दिनों तक चले आंदोलन के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत अपने घर सिसौली के लिए रवाना हुए। सुबह हवन और हलवा वितरण के बाद सुबह करीब 11 बजे आंदोलन में शामिल अन्य किसान भी अपने गंतव्य को रवाना हुए।
बुधवार को राकेश टिकैत अपने बड़े भाई और भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बालियान खाप के चौधरी नरेश चौधरी के जन्मदिन पर घर पहुंच गए। सिसौली पहुंचने पर पहले राकेश टिकैत ने खाप पंचायतों के मुख्यालय पर सोरम गांव में शीश झुकाया।
उनके स्वागत के लिए जहां एक ओर सिसौली को सजाया गया था, वहीं यूपी गेट सीमा से एलिवेटेड रोड होते हुए सिसौली तक किसानों ने उनका जगह-जगह फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। हजारों की संख्या में किसान अपने नेता को लेने बुधवार सुबह ही यूपी गेट बार्डर पहुंच गए थे। राकेश टिकैत ने बार्डर पर हवन किया और फिर यहां बनी अपनी कुटिया के सामने माथा टेक कर बड़े काफिले के साथ सिसौली को रवाना हुए। बड़ी संख्या में किसानों ने टिकैत को तस्वीरें और अन्य उपहार भी दिए।
बुधवार को किसानों ने गाजीपुर बार्डर पूरी तरह से खाली कर दिया। आंदोलन स्थल से रवाना होने से पहले राकेश टिकैत ने कहा कि 13 माह 13 घंटे के बाद वे अपने घर के लिए निकाले हैं। देर शाम सिसौली के किसान भवन पहुंचे टिकैत का गुरुवार को हैदराबाद जाने का कार्यक्रम है। वहां से वे तिरुपति बालाजी जाएंगे। टिकैत ने कहा आंदोलन खत्म नहीं, स्थगित हुआ है। किसानों के लिए वे आंदोलन करते रहेंगे।
टिकैत ने कहा किसी राजनीतिक दल से हमारा कोई कोई संबंध नहीं हैं। यूपी गेट बार्डर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड से भी किसान अपने नेता को बार्डर से ले जाने के लिए पहुंचे थे। टिकैत ने कहा कि एक साल से ज्यादा समय तक चले किसान आंदोलन ने बड़े उतार-चढ़ाव देखे। आंदोलन की खट्टी-मीठी यादों को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अजय मिश्रा टेनी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी तक संयुक्त किसान मोर्चा अपनी मांग पर अडिग रहेगा।
मेरठ रोड पर दुहाई, मुरादनगर और मोदीनगर में राकेश टिकैत का भव्य स्वागत हुआ। मोदीनगर में भोजन करने के बाद काफिला मेरठ के बाद मंसूरपुर होते हुए किसान भवन सिसौली पहुंचा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने इस मौके पर कहा कि आंदोलन खत्म नहीं, स्थगित हुआ है। किसानों के लिए वे आंदोलन करते रहेंगे। किसी राजनीतिक दल से हमारा कोई कोई संबंध नहीं हैं। एक साल से ज्यादा समय तक चले किसान आंदोलन ने बड़े उतार-चढ़ाव देखे। आंदोलन की खट्टी-मीठी यादों को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अजय मिश्रा टेनी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी तक संयुक्त किसान मोर्चा अपनी मांग पर अडिग रहेगा।
