Delhi Riots 2020 Case में CPIM महासचिव सीताराम येचुरी, Swaraj Abhiyan के नेता योगेन्द्र यादव, अर्थशास्त्री जयति घोष, DU के प्रोफेसर और एक्टिविस्ट अपूर्वानंद, डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर राहुल रॉय साजिशकर्ता नहीं हैं। यह बात रविवार को दिल्ली पुलिस की ओर से स्पष्ट की गई। पुलिस ने कहा है कि इन सभी के नाम सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अभियुक्त के तौर पर नहीं हैं।

दरअसल, दिल्ली पुलिस की यह सफाई शनिवार को आई समाचार एजेंसी PTI की उस रिपोर्ट पर आई हैं, जिसमें कहा गया था कि इन पांचों के नाम दिल्ली दंगों की पूरक चार्जशीट में सह-साजिशकर्ता के रूप में हैं। हालांकि, बाद में पीटीआई ने भी दिल्ली पुलिस के हवाले से साफ किया कि इनके नाम एक अभियुक्त के बयान में लिए गए हैं। मतलब चार्जशीट में इनके नाम अभियुक्त के रूप में नहीं हैं।

वहीं, योगेंद्र यादव ने भी पीटीआई की शुरुआती रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा था- ये सूचना गलत है। उम्मीद है कि पीटीआई वाले इसे वापस लेंगे। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने पिंजरा तोड़ संगठन की देवांगना कालिता, नताशा नरवाल और गुलिफ्शा फातिमा के खिलाफ जाफराबाद हिंसा से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने देवांगना कालिता और नताशा नरवाल को मई के अंतिम सप्ताह में गिरफ्तार किया था।

फातिमा को पुलिस ने जुलाई के अंत में हिरासत में लिया था। तीनों के खिलाफ कठोर गैरकानूनी गतिविधियां कानून के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। चार्जशीट में पुलिस ने दावा किया है कि कालिता और नरवाल ने ना सिर्फ दिल्ली दंगों में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया है बल्कि सीएए विरोधी प्रदर्शन करने के लिए अपूर्वानंद, राहुल रॉय और जयति घोष को अपना मेंटोर (मार्गदर्शक) भी स्वीकार किया है।

दावा किया गया है कि देवांगना कालिता और नताशा नरवाल ने कहा है कि दिसंबर में दरियागंज विरोध प्रदर्शन और फरवरी में जाफराबादा का चक्का जाम का आयोजन घोष, अपूर्वानंद और राहुल रॉय के कहने पर ही किया था। द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का दावा है कि पिंजड़ा तोड़ संगठन की सदस्यों ने ये भी बताया है कि घोष, अपूर्वानंद और राहुल रॉय ने पीएफआई और जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के कहने पर ही उन्हें सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने को कहा था।

वहीं फातिमा ने अपने बयान में कथित तौर पर सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर, स्वराज अभियान के नेता योगेन्द्र यादव, वकील महमूद पारचा, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट एक्टिविस्ट उमर खालिद और मुस्लिम समुदाय के नेताओं जैसे पूर्व विधायक मतीन अहमद, अनस, सदफ, विधायक अमानतुल्ला खान ने भी हिंसा के साजिशकर्ताओं की मदद की थी।

फातिमा ने 15 जनवरी को सीलमपुर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। फातिमा ने पुलिस को बताया है कि उसे विरोध प्रदर्शन से भारत सरकार की छवि खराब करने के निर्देश दिए गए थे।