राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्व इलाकों में हुई हिंसा में करोड़ों रूपाय का नुकसान हुआ है। भीड़ ने जाफराबाद, यमुना विहार, बाबरपुर, खजूरी खास इलाकों में तोड़फोड़ की और लोगों की गाड़ियों, दुकानों और घरों में आग लगा दी। इस हिंसा की चपेट में शिव विहार का एक प्राइवेट स्कूल भी आ गया। ‘एनडीटीवी’ कि रिपोर्ट के मुताबिक दंगाइयों ने स्कूल को निशाना बनाते हुए फर्नीचर और किताबें जला डालीं। इतना ही नहीं इसके बाद अगले 24 घंटों के लिए दंगाइयों ने इस स्कूल को हिंसा फैलाने के लिए लॉन्चिंग पैड की तरह इस्तेमाल किया।
ये घटना शिव विहार के डीआरएम कॉन्वेंट स्कूल की है। इस स्कूल के प्रशासनिक प्रमुख धर्मेश शर्मा ने बताया कि हमलावरों ने पास की बिल्डिंग में झूल रही रस्सी का इस्तेमाल कर स्कूल परिसर में एंट्री ली। उसके बाद उन्होने तोड़फोड़ शुरू कर दी और फर्नीचर और पुस्तकालय में आग लगा दी। इस स्कूल में 1,000 बच्चे पढ़ते हैं।
Delhi Violence: हर तीन में एक को लगी गोली, मौके से पुलिस को मिले .32mm, .9mm और .315 mm के 350 खोखे
पिछले 25 वर्षों से स्कूल के साथ काम कर रहे शर्मा ने बताया कि सोमवार को एक परीक्षा के लिए जो छात्र आए थे वे भीड़ के हमले से पहले ही घर चले गए थे। उन्होंने ‘एनडीटीवी’ से बात करते हुए बताया “स्कूल 24 घंटे तक जलता रहा। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड कभी पहुंची ही नहीं। फायर अधिकारियों पर भी हमला किया गया।” शर्मा ने आगे बताया कि पुलिस को भी यहां आने में तीन दिन लगे कल शाम ही पुलिस आई है।
डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल से सटे राजधानी स्कूल में पहले अटैक हुआ था। इस स्कूल के गार्ड और एक ड्राइवर को हमलावरों ने करीब 40 घंटे तक बंदी बनाकर रखा। जिन्हें बाद में पुलिस ने छुड़ाया। इस स्कूल में लगभग 1,300 छात्र पढ़ते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारुख ने बताया, “सोमवार को स्कूल पर हमला किया गया था। उन्होंने सब कुछ तोड़ दिया और आग लगा दी। हम पुलिस को फोन करते रहे लेकिन वे नहीं आए।”
शिव विहार पूर्वोत्तर दिल्ली में सबसे बुरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों में से एक है जहां रविवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लेकर हिंसा हुई। इस हिंसा में पिछले पांच दिनों में कम से कम 39 लोग मारे गए हैं और 300 से अधिक घायल हुए हैं।