देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। दंगों से जुड़े सभी मामलों की जांच करने के लिए पुलिस ने क्राइम ब्रांच के तहत दो विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। प्रत्येक एसआईटी का नेतृत्व पुलिस उपायुक्त, राजेश देव और जॉय तिर्की करेंगे। क्षेत्राधिकार की चौड़ाई के कारण दो एसआईटी का गठन किया गया है। राजधानी में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 38 हो गई है।

एसआईटी का नेतृत्व करने वाले राजेश देव हालही में लंबे समय तक सुर्खियों में रहे थे। ये वही अधिकारी हैं जो जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा की जांच की देखरेख कर रहे हैं।

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डीसीपी राजेश देव विवादों में भी रहे हैं। चुनाव आयोग ने पिछले महीने राजेश देव के खिलाफ सख्ती बरती थी और उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव की ड्यूटी से हटा दिया गया था। दरअसल राजेश देव ने दावा किया था कि शाहीन बाग़ में गोली चलाने वाला युवक आम आदमी पार्टी से जुड़ा है।

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इसपर चुनाव आयोग ने राजेश देव को चेतावनी नोटिस जारी किया था और इसकी कॉपी उनके सीआर डॉज़ियर में जोड़ दी गई थी। चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा था कि डीसीपी देव के एक राजनीतिक पार्टी के बारे में, ऐसे समय पर बयान देने से जब जांच चल ही रही हो, चुनावों पर नकारात्मक असर हुआ है।

पूर्वी दिल्ली निवासी कपिल बैंसला दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शन में पहुंचकर गोली चलाई थी। डीसीपी ने आप नेताओं के साथ बैंसला जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीरों को शेयर किया था और उनके पार्टी के साथ जुड़े होने का दावा किया था। बैंसला के पिता ने उनके और उनके बेटे के किसी भी पार्टी में शामिल होने से इनकार किया था।

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