स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव, छात्र नेता कंवलप्रीत कौर और वकील डीएस बिंद्रा का नाम हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में शामिल किया गया है। हालांकि तीनों का नाम 17 आरोपियों की लिस्ट में नहीं है। चार्जशीट में कहा गया है कि “(चांद बाग) धरना प्रदर्शन के आयोजकों के लिंक डीएस बिंद्रा, कंवलप्रीत कौर, देवेंद्र कालिता, सफूरा, योगेन्द्र यादव आदि के साथ थे, जो कि साफ इशारा करते हैं कि हिंसा के पीछे कोई छिपा हुआ एजेंडा था।”

पुलिस के अनुसार, ‘चांद बाग विरोध प्रदर्शन की शुरुआत जनवरी के मध्य में हुई थी। चार्जशीट के अनुसार, 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए, जिनमें 750 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। दंगों के दौरान 53 लोगों को जान गई, जिनमें दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल रतन लाल भी शामिल हैं।’

चार्जशीट में कहा गया है कि “रतन लाल और एसीपी (गोकुलपुरी) और डीसीपी (शाहदरा) और कुछ अन्य पुलिसकर्मी चांदबाग के धरना स्थल पर मौजूद थे। इसी दौरान उन पर भीड़ ने हमला कर दिया। रतन लाल वजीराबाद रोड पर स्थित डिवाइडर को कूदकर पार नहीं कर सके और गोली लगने और पत्थर लगने से वहीं गिर पड़े।”

बताया गया है कि “रतन लाल को लाठी-डंडों से भी पीटा गया। उन्हें जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनका पोस्टमार्टम 25 फरवरी को हुआ। चार्जशीट के अनुसार, रतनलाल की मौत गोली लगने से हुई। इसके अलावा उनके शरीर पर 21 जगह चोट के निशान थे।”

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बीती 8 जून को मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट राकेश कुमार के समक्ष यह चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में जो 17 आरोपी बनाए गए हैं, वह 18-50 साल के हैं और अधिकतर चांदबाग के निवासी हैं। वहीं कुछ पड़ोस के इलाकों जैसे प्रेम नगर, मुस्तफाबाद और जगतपुरी के भी हैं।

चार्जशीट में बताया गया है कि एक गवाह से पूछताछ के दौरान भी योगेन्द्र यादव का नाम सामने आया था। द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में योगेन्द्र यादव ने बताया कि ‘मैंने जो कुछ भी कहा है वह पब्लिक डोमेन में है और कोई एक घटना बता दीजिए जब मैंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से हिंसा को भड़काने की बात कही।’

ए़डवोकेट बिंद्रा पर भी साजिश रचने का आरोप है। हालांकि बिंद्रा का कहना है कि ‘वह सिर्फ चांदबाद में लंगर चला रहे थे। ऐसे में वह हिंसा के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं।’