दिल्ली के उत्तर पूर्व क्षेत्र में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़े मामले में दाखिल चार्जशीट में कई खुलासे हुए हैं। चार्जशीट में एक कबाड़ के व्यापारी के बयान के हवाला देते हुए बताया गया कि आरोपी ताहिर हुसैन ने दंगों से करीब दस दिन पहले पचास लीटर तेजाब और 100 कांच की खाली बोतलें खरीदी थीं। इस साल फरवरी में हुए दंगों के सिलसिले में एक स्थानीय अदालत में सप्ताह की शुरुआत में 17000 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। दिल्ली दंगों में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई, कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए।
चार्जशीट दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दाखिल की है। इसमें ताहिर हुसैन सहित 15 लोगों के नाम दंगों के मुख्य साजिशकर्तआों के तौर पर नाम दर्ज हैं। चार्जशीट में गवाह के हवाले से बताया गया कि दंगों से करीब दस दिन पहले ताहिर हुसैन और उसके साथी कबाड़ की दुकान पर आए और उन्होंने बताया कि घर की छत पर सफाई का काम चल रहा है, इसके लिए तेजाब की जरुरत है। बकौल गवाह इसलिए ताहिर हुसैन और उसके साथी मेरे पास तेजाब खरीदने के लिए आए।
कबाड़ के व्यापारी ने अपने बयान में आगे कहा कि ताहिर हुसैन सुबह उससे मिलने आया। इसी शाम को निलंबित पार्षद के दफ्तर से एक कार उसकी दुकान पर पहुंची जिसमें दो डिब्बे थे। कबाड़ी ने बताया कि उसने दोनों डिब्बों में करीब पचास लीटर तेजाब भरा था। इसके साथ 100 कांच की बोतलें भी दीं। गवाह ने बताया कि पेमेंट के लिए वो खुद गाड़ी में ताहिर हुसैन के घर गया, वहां देखा कि ताहिर के घर में तेजाब की और भी बोतलें भरकर रखी गईं थीं। ताहिर हुसैन के एक आदमी ने मुझे आठ हजार रुपए दिए और मैं वहां से चला गया।
गवाह ने आगे बताया कि दिल्ली में जब दंगे भड़के और पता चला की दंगों में तेजाब की बोलतों का इस्तेमाल हो रहा है। तभी मुझे ध्यान आया कि तेजाब की बोलतें वहीं है जिन्हें उसने ताहिर हुसैन को बेचा था। सांप्रदायिक दंगों के करीब सात महीने बाद सितंबर में गवाह का बयान मेट्रोपोटिन मजिस्ट्रेट दीपाक्षी राणा के समक्ष दर्ज किया गया था।

