दिल्ली के गृह विभाग ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों में पांच समान एफआईआर पर पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखने का फैसला लिया है। द इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि दिल्ली पुलिस ने पांच अलग-अलग मामलों – फैज अहमद (30), अथहर (23), सोहिब (22) शाहरुख (22) और फैजल (28)- में जो एफआईआर दर्ज कीं वो एक जैसी थीं।
इन एफआईआर में कांस्टेबलों, युवाओं, स्थान और गिरफ्तारी के समय के अलावा जो समान बातें हैं वो इस प्रकार हैं: मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को ये संदिग्ध लग रहे थे। ये पीछे मुड़े और तेजी से चलकर वहां से जाने लगे। पुलिस ने पकड़ा तो उनके ट्राउजर की ‘दाहिनी जेब में’ लोडेड देशी कट्टे मिले। ये एफआईआर 27 फरवरी को आर्म्स एक्ट, 1919 के तहत 27 फरवरी को दलायपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गईं। बताया गया कि ये सभी दोपहर 3 बजे से 9:25 बजे तक उत्तर पूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में थे, जहां 24 से 26 फरवरी को सांप्रदायिक दंगे हुए।
इन एफआईआर पर बुधवार को तब संज्ञान लिया गया जब अल्पसंख्यक कल्याण पर बनी दिल्ली विधानसभा की समिति ने मामले में मुख्य सचिव (विजिलेंस) राजीव वर्मा को इसकी जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में मुख्य सचिव (होम) के बजाय राजीव वर्मा ने भाग लिया।
समिति ने इसके अलावा वर्मा को निर्देश दिया कि वो 24 वर्षीय फैजान की मौत की जांच की स्थिति के बारे में पुलिस कमिश्नर से पूछें। फैजान वहीं हैं, जिन्हें अन्य दो पुरुषों के साथ दंगों के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मियों के समूह ने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत जबरन गाने के लिए कहा। फैजान की मौत के संबंध में अब तक एक पुलिसकर्मी से पूछताछ की गई है।
इधर मुख्य सचिव (विजिलेंस) राजीव वर्मा ने मीटिंग में बताया कि मैं पुलिस कमिश्नर को लिखूंगा कि वो यहां उठाए गए मुद्दों को उठाएं। हालांकि हम पुलिस जांच में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। बता दें कि पुलिस विभाग ने दिल्ली सरकार को बताया कि दंगों से संबंधित सभी 754 एफआईआर को संवेदनशील के रूप वर्गीकृत किया गया है।
